कैसे बनाएं बुढ़ापे को सुखमय

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कैसे बनाएं बुढ़ापे को सुखमय
कैसे बनाएं बुढ़ापे को सुखमय

कैसे बनाए बुढ़ापे को सुखमय

उम्र के बढ़ने के साथ परेशानियां और बीमारियां बढ़ जाती है और शारीरिक, मानसिक सुख में भी कमी आ जाती है।इन पर बहुत ही आसानी से काबू पाया जा सकता है और कुछ उपाय करने के साथ इनके बढ़ने पर रोग लगा कर बुढ़ापे को सुखमय बनाया जा सकता है।

रोजमर्रा को भी सही रखना चाहिए: उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपकी रोजमर्रा को भी सही रखना चाहिए।सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक अपने सारे काम संयम के साथ नियमित और समय के आधार पर ही करनी चाहिए।सोना, जागना, शरीर के बाहरी अंदरूनी सफाई, भोजन, कसरत, टहलना ध्यान, पठन-पाठन मनोरंजन आदि सब जीवन के लिए जरूरी हैं।इन को सही रखें।

व्यस्त रहे: बुढ़ापे को नकारा मत बनाएं, व्यर्थ में समय मत गवाएं।घर-परिवार के छोटे-छोटे कामों में अपना सहयोग दें। उनके साथ समय बिताएं।  बच्चों से लेकर बड़ों से लेकर अपनी और अपने आस-पस के लोगों से मित्रता जैसा व्यवहार रखें।इसके साथ आपको परेशानियां कम रहेंगी, उम्र भी बढ़ेगी तंदुरुस्त रहोगे और समय का सदुपयोग भी होता रहेगा।

समय के साथ सही मात्रा में भोजन करें जोकि  पोस्टिक के साथ भरपूर हो।तली और भुनी हुई या ज्यादा नमक मिर्च, मसाले वाली चीजें मिठाई आदि से बचें और इन को कम से कम मात्रा में सेवन करें। भोजन हमेशा ताजा सादा और पाचन योग होना चाहिए। उम्र के बढ़ने के साथ पाचन क्रिया की भी कमी हो जाती है, इसलिए भोजन ज्यादा ना करें। जलपान जरूर करें।मौसमी फल, साग, सब्जी का स्वाद जरूर ले। दूध, दही का प्रयोग करे। करी समोसा,कचोरी, चाट,चाय,कॉफ़ी,तंबाकू, नशा, सिगरेटनोशी से दूर रहे। भोजन ऐसा हो जो जल्दी से पच जाए।

शरीरिक सरगर्मी जरुरी: भौतिक सुख-साधनों के बाद टहलना, काम, कसरत और मेहनत में भी कोताही ना बरतें। वों काम जरूर करें जिसके साथ शरीरिक सरगर्मी बनी रहे, क्योंकि इस तरह की सरगर्मियों के साथ आपको बीमारियां अपने आप कम और दूर होती रहेगी और शरीर भी तंदुरुस्त रहेगा।गतिहीन व्यक्ति के शरीर में रोगों का वास होता है।यह बात का हमेशा ध्यान रखें कि मन की तंदुरुस्ती रहने के साथ शरीर भी तंदुरुस्त रहता है, इसलिए अपने मन को सही और तंदुरुस्त रखे।बुढ़ापे में थकावट करने वाला शारीरिक, मानसिक काम ना करें। काम और आराम की सही समय परिवर्तन करें।

धयान दे: संतुलित भोजन और पोषण वाला हो।भोजन में फल, साग-सब्जी जरूर हो।

भोजन गरम, ताजा, सादा पचने योग होना चाहिए।

नमक, शक्कर, मिर्च, मसालों का परहेज करें।

सभी तरह के नशे से दूर रहें। चाय,कॉफी कम मात्रा में लें।

निर्धारित समय पर दवाई ले।समय-समय पर डॉक्टर से अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें।

सुस्थ ना रहे।हमेशा गतिशील बनी रहे।

घर-परिवार की परेशानियों से भागने की बजाय उनको सुलझाएं।समय पर जागे और समय पर सो जाए।

बीमारी को छुपाए नहीं,क्योंकि सब का इलाज संभव है।किसी को छुपाने एवं दबाने से परेशानी बढ़ेगी।जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाने से झिझके नही।

कोई भी नजर आए, हमेशा मुस्कुराए जरूर।

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