गुस्सा शांत करने के टोटके

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गुस्सा शांत करने के टोटके
गुस्सा शांत करने के टोटके

गुस्सा शांत करने के टोटके

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि हमारा मन आईने की तरह होता है।अगर अंतर्मन में झांकने की कोशिश की जाए तो व्यक्तितव की सारी खूबियां और खामियां साफ नजर आती है।आइए हम संकल्प लें और अपने आंतरिक और बाहरी व्यक्तित्व सवारने की।चाहे घर हो या दफ्तर हर जगह व्यस्तता इतनी बढ़ गई है कि कई बार ना चाहते हुए भी छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ ही जाता है।अगर सुचेत तरीके से गुस्से को नियंत्रण नहीं किया गया तो धीरे-धीरे यह व्यवहार आदत में बदल जाता है,जो हमारे लिए हर तरह से नुकसानदेह ही होता है।इसे नियंत्रण करने के लिए कुछ उपाय को अपनाकर देखें।

अगर कभी बहुत गुस्सा आए तो उस वक्त थोड़ी देर के लिए बिल्कुल शांत रहने की कोशिश करें।इससे आपके मस्तिष्क व तक शांत रहने का संदेश जाएगा और नर्वस सिस्टम सामान्य ढंग से काम करने लगेगा।गुस्से पर नियंत्रण न कर पाने की स्थिति में आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।यह आपकी सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है।

अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो अपने लिए एक एंगर मैनेजमेंट डायरी बनाए, जिसमें रोजाना रात को सोने से पहले यह नोट करें कि आज आपको कितनी बार और किस वजह से गुस्सा आया और उसे रोकने के लिए आपने क्या कोशिश की? यह डायरी आपके गुस्से पर नियंत्रण रखने के लिए बहुत मददगार साबित होगी।

गुस्सा आने पर ठंडा पानी पीने का पुराना फार्मूला अपनाएं।पानी आपके शरीरिक तनाव को कम करने  में मददगार साबित होता है।

कहते हैं की तरकश से निकला हुआ तीर और जुबान से निकले हुए शब्द कभी वापस नहीं लिए जा सकते।इसलिए चाहे आपको कितना ही गुस्सा क्यों ना आ रहा हो, बोलते समय अपने शब्दों पर ध्यान जरुर दें।कारण, बाद में सिवाय पछताने के कुछ भी आपके हाथ नहीं लगेगा।

गुस्से से आपकी बॉडी लैंग्वेज पर नियर्त्रण रखने की कोशिश करें।नकारात्मक बॉडी लैंग्वेज से शरीरिक  तनाव पैदा होता है और इससे क्रोध भी बढ़ जाता है।क्रोध आपके दिलों दिमाग के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

गुस्से की वजह से अगर कभी किसी के साथ आप की बहस भी हो जाती है तो लगातार खुद ही ना बोलते रहे, बल्कि सामने वाले व्यक्ति की बातें भी ध्यान पूर्वक सुने।इससे आपका गुस्सा कम हो जाएगा कई बार छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है।ऐसी स्थिति में जब आपको गुस्सा शांत आपका गुस्सा शांत हो जाए तो खुद से यह सवाल पूछे  की क्या स्थिति वाकई इतनी बुरी थी कि आप को इस तरह चिलाना पड़ा? इस तरीके को मनोविज्ञान की भाषा में कागिन्ग्त्व बिहेवियरल थेरपी  कहा जाता है।ऐसा करके आप सुचेत और तार्किक ढंग से अपने गुस्से पर काबू पा सकती है।

समझदारी से काम लेते हुए अपने गुस्से को कभी भी सकारात्मक रूप दे सकती हैं।अगर आप अगर आपको किसी पर गुस्सा आ रहा हो तो उसके सामने तार्किक दंग से अपनी बात रखते हुए,उसे अपने गुस्से का कारण स्पष्ट रूप से बताएं। हो सकता है इससे आपकी समस्या का कोई हल निकल जाए।

ऐसा होता कि जब हम किसी के ऊपर गुस्सा आता है तो उससे जुड़ी हुई नकारात्मक बातें एक साथ याद आने लगती है गुस्से में भी इस बात का ख्याल रखें कि उससे आपकी जिस मुद्दे पर बहस हो रही हो, सिर्फ उसी पर बात करें।पुरानी शिकायतो का जिक्र ना करे। इससे रिश्ते में करवाहट न और बढ़ जाएगी।

 

 

 

 

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