आकर्षक बनी विज्ञान व गणित की चलती फिरती प्रयोगशाला
भारतीय भौतिक शिक्षक परिषद कानपुर के क्षेत्रीय काउंसिल-2 पंजाब में जम्मू व कश्मीर के तत्वावधान में नमोनवेश परीक्षण में प्रशिक्षण में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन डी ऐ वी स्कूल बी.आर.एस. नगर में किया गया।इसमें राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त, शिक्षा रत्न, विज्ञान व गणित वेंता,चलती-फिरती प्रयोगशाला के जनक जसविंदर सिंह ने बच्चों के बीच उपस्थित होकर प्रयोगशाला के परीक्षण प्रत्त्यक्ष करके दिखाएं।कार्यशाला में कक्षा आठवीं से दसवीं तक के बच्चे मौजूद थे।जसविंदर सिंह ने छात्रों के बीच वैक्यूम, दबाव आदि के अवधारणा, पास्कल लॉ सोलर पंप, न्यूटन सैंडल रेडियो दूरबीन आदि वैज्ञानिक यंत्रों द्वारा ऐसे साधारण प्रयोग दिखाएं कि छात्र दांतों तले अगुली दबाने को विवश हो गए।इस प्रयोगिक कार्य को आगे बढ़ाते हुए गणित के पहाड़ों को चुटकियों में याद करने की तकनीक, मैजिक स्ववेयर गणितीय संख्याओं के कई प्रयोग व चमत्कार बच्चों को बताए जिससे गणित जैसे कठिन व नीरस विषय भी सरलता से सीखे जा सकते हैं।
छात्रों के लिए उपयोगी है ऐसी कार्यशालाए: स्कूल के प्रिंसिपल जसविंदर कौर सिद्धू जोकि स्वय भौतिकी विज्ञान की प्राध्यापिका रही है,ने जसविंदर सिंह के विज्ञान के नवीन सरल प्रयोगों व उनको दैनिक जीवन से जुड़ने की अद्भुत कला की भरपूर सराहना की।उन्होंने कहा कि हम विज्ञान के विद्यार्थी रहे, न रहे परंतु आम जीवन में विज्ञान से उसका नाता बना रहता है।साथ ही उन्होंने अपने वक्तव्य में कहां कि इस तरह के उपक्रम व चलती फिरती प्रयोगशालाएं समय-समय स्कूलों, कालेजों में छात्रों को दिखाई जानी चाहिए ताकि यही से भावी गणितज्ञ व विज्ञानिक तैयार किए जा सके।
जसविंदर सिंह की अटैचमेंटस
एक साधारण अध्यापक से शुरुआत
8 राज्यों में 519 मोबाइल प्रदर्शनियां
विज्ञान व गणित विषयों को बच्चों सक्षम प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत करना।
विज्ञान में गणित की प्रयोगिक किट तैयार की।
किट से होंगे लगभग 70 प्रयोग
गणित व विज्ञान से घबराए विद्यार्थियों को इन विषयों से जुड़ना।
लगभग 2.50 लाख छात्र व अध्यापक उठा चुके उपक्रम का लाभ
कई राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय व प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित।