मोटापे से मुकाबले से पहले

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मोटापे से मुकाबले से पहले

मोटापे से मुकाबले से पहले

आमतौर पर वजन बढ़ने के बहुत से कारण होते हैं, जिनमें खानपान  की अनियमित  आदते कोई बीमारी या  अनुवांशिक समस्या आदि शामिल है। स्त्रियों के संदर्भ में ये कारण और भी व्यापक हो जाते हैं, जिनमें उम्र से उम्र के अलग-अलग पड़ावो पर हार्मोनल बदलाव, प्रेगनेंसी, माहवारी में अनियमितता या महामारी का शुरुआती दौर और स्त्री रोग संबंधी समस्या आदि आते हैं। हरेक स्तर पर बढ़ते वजन का कारण और निदान किया है, आइए  जानिए

किशोरवय

महामारी के शुरुआती दौर पर किशोरवय में बच्चों पर पढ़ाई व अन्य एक्टिविटीज़  का दबाव भी होता है। आजकल की अनियमित जीवन शैली में लगातार बैठे रहना अभी के दौर में ऑनलाइन शिक्षा, कम या बिल्कुल न के बराबर शारीरक गतिविधियो तो है ही,  शारीरिक  गतिविधियों के अनुपात में अधिक भोजन फास्ट फूड भी वजन को अनियंत्रित करते हैं। 

क्या करे – सबसे पहले बेटी की जीवनशैली ऊपर नजर डालें।  उसकी  शारीरिक गतिविधिया के अनुसार उसके खानपान का नियम बनाए जो बहुत सख्त भी न हो।  खेल कूद के लिए बढ़ावा देने के साथ -साथ खुद भी एक्टिव रहे।  केवल उपदेश देकर खुद निष्क्रियता में न डूबे रहे।  पोषण का पूरा ध्यान रहे ताकि बेटी कमजोर होकर शारीरिक गतिविधियासे दुरी न बना लें। फिर भी समस्या बानी रहती है तो तुरंत इस्त्री रोग  सलाहकार से सलाह ले।

क्या न करे – बढ़ते वजन के कारण बेटी को कमतर महसूस न करवाए। आप भी पौष्टिक खाएं , वयायाम करें और बिटिया को भी इस जीवनशैली में पूरे स्नेह से शामिल करें। इलाज चले ,तो उसका सहयोग करें।

शादी के बाद

शादी के वक्त स्त्रियों में शारीरिक बदलाव और निजी जिंदगी में परिवर्तन के कारण और हार्मोनल  बदलाव तो होते ही हैं, साथ ही नई  जिंदगी के उत्साह में खानपान व व्यायाम को लेकर लापरवाही भी हो जाती है।  इसके चलते वजन बढ़ने लगता है। कई मामलों में शादी के पहले लड़कियां डाइटिंग करती है, लेकिन शादी के बाद इन्हें उनकी जरूरत महसूस नहीं होती। इससे वजन तेजी से बढ़ता है। ध्यान रहे, उद्देश्य स्लिम  फिगर  नहीं बल्कि अच्छी सेहत होना चाहिए

क्या करें-:

इसका सीधा सरल उपाय अपने खान-पान का ध्यान रखना और नियमित व्यायाम करना है। एक व्यस्क स्त्री को दिन में 2500   कैलोरी की आवश्यकता होती है। अधिक  शरीरिक  श्रम की स्थिति में यह मात्रा 3,000 कैलोरी  हो सकती है शादी के शुरुआती दिनों में विभिन्न  रिवाज़ों के चलते समय की कमी हो सकती है, लेकिन आप  दुबारा  अपनी जीवनशैली संतुलित करें। 

मेनोपॉज के समय

रजोनिवृति  यानी मेनोपोज़ के दौरान इस्ट्रोजन जैसे हार्मोन का स्तर कम हो रहा होता है। साथ ही उम्र के इस पड़ाव तक आते आते शरीर पहले से मुकाबले कम सक्रिय हो जाता है, जिसके चलते अकसर स्त्रीया किसी तरह की शारीरिक गतिविधियां    अतिरिक्त प्रयास के लिए तैयार नहीं होती। इस उम्र में कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होती है और व्यायाम करने में असहजता होती है इसलिए वजन बढ़ने लगता है।

क्या करें –

सबसे पहले स्त्रियों को इस बड़े बदलाव के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करना चाहिए। अपने पोषण का ध्यान रखें ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे और वे व्यायाम आदि कर सकें यदि किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं तो अपनी दवाई ले। खुद को बेहतर मानसिक स्थिति में रहने का हर संभव प्रयास करें बदलाव को सकारात्मक रूप में ले। उम्र के किसी भी दौड़ में मानसिक और शारीरिक सेहत मुख्य है।

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