बलिदान दिवस पर शत शत नमन

0
1734
बलिदान दिवस पर शत शत नमन
बलिदान दिवस पर शत शत नमन

बलिदान दिवस पर शत शत नमन ।

23 मार्च 1931की रात भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की देश-भक्ति को अपराध की संज्ञा देकर फाँसी पर लटका दिया गया।फांसी के लिए 24 मार्च की सुबह तय की गई थी लेकिन किसी बड़े जनाक्रोश की आशंका से डरी हुई अँग्रेज़ सरकार ने 23 मार्च की रात्रि को ही इन क्रांति-वीरों की हत्या कर रात के अँधेरे में ही लाहौर से काफी दूर फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला गांव के नजदीक सतलुज नदी  के किनारे  इन्हें जलाने का प्रयास किया जिसे सुबह होने तथा स्थानीय लोगो के आ जाने से अधजली लाश को छोड़कर अंग्रेजो को  भाग जाना पड़ा।

इसी स्थान पर बाद में सम्मान पूर्वक उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी स्मृति में आज वहां एक भव्य स्मारक बना है । जहाँ देश भर के लोग उन्हें श्रद्धा सुमन भेंट करने प्रतिदिन आते है । किसी शायर ने सच ही कहा है कि

” शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर दिन मेले

वतन पे मरने वालो का ही नामो निशाँ होगा ।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here