सर्दियों के मौसम में लापरवाही बरतने पर कुछ बीमारियां सेहत के दुश्मन बन जाती हैं। अगर समय रहते इन पर ध्यान दे दिया जाए तो इन बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।ज्यादातर सर्दियों में खांसी,जुखाम, निमोनिया जोड़ों का दर्द, नाक, कान और गले में समस्या सामने आती है।कहते हैं कि इलाज कराने से बचाव बेहतर है। इसके बावजूद, अगर उपयुक्त समस्याएं हो जाती हैं तो उनका इलाज भी संभव है।
जुकाम, खांसी और इंफ्लुएंजा: ये रोग आमतौर पर वायरस इन्फेक्शन से होते हैं,लेकिन इन्फ्लूएंजा के लिए प्रकार के वायरस से हो सकता है। इनमें से सबसे ज्यादा मामले इन्फ्लूएंजा वायरस के होते हैं, जिसके तीन प्रकार हैं A B C। स्वाइन फ्लू भी एक तरह का इन्फ्लूएंजा वायरस है।तीनो समस्याओं में बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, भूख कम लगना और सुस्ती बने रहना के लक्षण प्रकट होते हैं।इसके अलावा खाना कम खाना और सांस लेने में तकलीफ होना आज से संबंधित लक्षण भी सामने आ सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में लापरवाही ना बरते
यह है इलाज: डॉक्टर की सलाह से बुखार के लिए पेरासिटामोल और खांसी और जुखाम के लिए दवाई ले।
एंटी एलर्जीक दवाए डॉक्टर की सलाह से लें।
हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें।
तरल पदार्थ जैसे जूस को पर्याप्त मात्रा में लें।
जब पीला वा हरा बलगम निकल रहा हो तब डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक का प्रयोग करें।
खाने में प्रोटीन ज्यादा ले, जैसे दूध, अंडा, पनीर,दाल,चना आदि।
सांस में तकलीफ होने पर जा डिहाइड्रेशन होने पर, शीघ्र ही डॉक्टर की सलाह लें।
ऐसे कैसे करें: फ्लू का टीका करण हर साल करवाएं।फ्लू का टीका इफ्लुएजा में भी कारगर है।
बीमार व्यक्ति को ऑफिस जा स्कूल ना जाने दे।
खाद्य पदार्थ खाने से पहले जीवाणुनाशक साबुन जा हैंड सेनेटाइजर से अच्छी तरह हाथ साफ करें। खासते समय मुंह को ढके।
तुलसी, अदरक, हल्दी, शहद, आंवला, दालचीनी और गुड़ का प्रयोग सर्दी में लाभकारी है।