नियमित व्यायाम से कम होता है अवसाद का खतरा

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नियमित व्यायाम से कम होता है अवसाद का खतरा

व्यायाम से शरीर ही नहीं मानसिक सेहत में भी सुधार होता है| व्यायाम से अवसाद का खतरा कम हो जाता है| अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने बताया कि हफ्ते में कम से कम 4 घंटे व्यायाम करने वालों में अवसाद के लक्षण उभरने के मामलों में 17 फीसद तक की कमी आ सकती है| अध्ययन को  विज्ञान पत्रिका डिप्रैशन एंड एंजाइटी में प्रकाशित किया गया है| इसके लिए करीब 8000 लोगों से जुड़े डाटा  का अध्यान किया गया| इन लोगों ने व्यायाम व अन्य गतिविधियों से जुड़ी अपनी लाइफ स्टाइल के बारे में जानकारी दी थी|  अगले 2 साल तक इन सभी की शारीरिक गतिविधियों और उनमें अवसाद के लक्षणों पर नजर रखी गई | अन्य सभी कारकों के प्रभाव को हटाते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि शारीरिक रूप से ज्यादा गिरे रहने वालों में अवसाद के मामले कम देखने को मिले|
सामान्य वजन के पीछे भी हो सकती है गंभीर बीमारी
हालिया शोध के मुताबिक ,पूरी तरह फिट व्यक्ति भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।आमतौर पर आम  वजन की तुलना में 50 फीसद या उससे कम वजन वाले लोगों में एनोरेक्सिया  नर्वोसा की आशंका रहती है। यह बीमारी कम खाने-पीने, ज़्यादा  व्यायाम करने और वजन बढ़ने के डर से जुड़ी है| गंभीर स्थिति में यह जानलेवा भी हो सकता है।2013 में इससे जुड़ा अलग मामला सामने आया जिसे एटिपिकल एनोरेक्सिया नर्वोसा कहा गया। इससे ग्रस्त मरीज का वजन सामान्य जैसा ही रहता है। लेकिन उसमें अनुरक्षण नर्वोसा के अन्य  सभी लक्षण रहते हैं।ऐसे लोगों में उनके शरीर के वजह से नहीं बल्कि वजन में अचानक गिरावट जैसे लक्षणों से बीमारी का अंदाजा लगाया जा सकता है ।इसलिए समय रहते इसके लक्षणों को समझना और व्यक्ति को  इलाज देना जरूरी है।

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