मेरी गलती-तेरी गलती

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मेरी गलती-तेरी गलती

दो पड़ोसी परिवार जिनमें एक हर वक्त लड़ता रहता था जबकि दूसरा परिवार शांति व मैत्रीपूर्ण तरीके से रहता था। एक दिन झगड़ालू परिवार की पत्नी ने शांत पड़ोसी परिवार से ईर्ष्या महसूस करते हुए अपने पति से कहा, “अपने पड़ोसी के वहां जाओ और देखो की इतने अच्छे तरीके से रहने के लिए वो क्या करते हैं।”

पति वहा गया और छुपकर चुपचाप देखने लगा। उसने देखा कि औरत फर्श पर पोंछा लगा रही है। अचानक किचन से कुछ आवाज आने पर वो किचन में चली गई। उसी समय उसका पति भी कमरे से निकलकर किचन की तरफ जाने लगा। उसका ध्यान नहीं रहने के कारण फर्श पर रखी बाल्टी से ठोकर लगने के कारण बाल्टी का सारा पानी फर्श पर फैल गया। उसकी पत्नी किचन से वापिस आयी और अपने पति से बोली, “आई एम सॉरी! यह मेरी गलती थी कि मैने रास्ते से बाल्टी को नहीं हटाया।” और इस पर उसके पति ने जवाब दिया, ”नहीं नहीं, आई एम सॉरी! क्योंकि मैने इस पर ध्यान नहीं दिया।”

झगड़ालू परिवार का पति जो छिपकर सब देख रहा था, अपने घर वापस लौट आया। तो उसकी पत्नी ने पडोसी की खुशहाली का राज पूछा। पति ने जवाब दिया, “उनमें और हम में बस यही अंतर है कि “हम हमेशा खुद को सही साबित करने कि कोशिश करते हैं और एक दूसरे को गलती के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। जबकि वो हर चीज़ के लिए खुद जिम्मेदार बनते हैं और अपनी गलती मानने के लिए तैयार रहते हैं।”

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