त्वचा की सेहत का रखें ध्यान
हमारी त्वचा पोर्स (रोम छिद्रों) के माध्यम से सांस लेती है और पोर्स के बंद हो जाने पर न केवल त्वचा को सांस लेने में रुकावट आती है बल्कि पसीने के रूप में निकलने वाले विकार भी रुककर पनपने लगते हैं
गीले तौलिए का इस्तेमाल
त्वचा संबंधी रोग हो जाने पर सभी प्रकार के नहाने के साबुनो और बाहरी तेलों के प्रयोग को बंद कर देना सबसे पहला उपाय है।इसके स्थान पर आप को नहाते समय गीले तौलिए से त्वचा को धीरे धीरे रगड़ना चाहिए।इस उपाय को करने से पोर्स खुलने के साथ-साथ शरीर की मसाज के रूप में अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है।वैसे तो गीले तौलिए से रगड़ने से ही त्वचा की सफाई अच्छी तरह से हो जाती है, फिर भी अगर आपको लगे कि त्वचा अच्छी तरह साफ नहीं हुई है, तो सप्ताह में एक बार किसी हर्बल साबुन का प्रयोग किया जा सकता है।त्वचा की सेहत का रखें ध्यान
मिट्टी का लेप
गीले तौलिए वाला उपाय करने से त्वचा रोगों में राहत मिलती है,लेकिन अगर आपकी समस्या बहुत पुरानी है,तो उसे जल्द ठीक करने के लिए उस स्थान पर गीली मिट्टी का लेप करना चाहिए।ऐसी मिट्टी पूरी तरह साफ की हुई होनी चाहिए और उसमें किसी भी प्रकार की गंदगी, कूड़ा करकट,या कंकड़ नहीं होने चाहिए।इस मामले में चिकनी मिट्टी और पीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है।आप बाजार में हर जगह उपलब्ध मुल्तानी मिट्टी को पानी में भिगोकर उसका उपयोग कर सकते हैं।मुल्तानी मिट्टी से त्वचा से गंदगी साफ करने के लिए बहुत कारगर है और कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है।इसका लोगों में राहत प्रदान करने और त्वचा को मुलायम रखने में बहुत सहायक हैं।
अगर समस्या पूरे शरीर में हो
ऐसी स्थिति में तो पूरे शरीर पर मिट्टी का लेप करना चाहिए।लेप करने के बाद थोड़ी देर धूप में बैठना चाहिए।इससे समस्या जल्दी ठीक हो जाएगी।यह उपाय मात्र दो से 4 बार करने से भी आप कई त्वचा रोगों में राहत पा सकते हैं।इस बात का भी ध्यान रखें कि त्वचा रोग से परेशान लोगों को इन उपायों के साथ मिर्च, मसाले, अचार, तली चीजें और बाजार से मिलने वाले आहार और पेय पदार्थों से भी परहेज करना चाहिए।इसके बजाय हरी सब्जियो,मौसमी फलों और अंकुरित अनाजों का उपयोग अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।