ऐसे काटो कलेश
कई बार न चाहते हुए भी घर में कलेश हो जाता है या अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।ऐसे में कुछ पारंपरिक उपाय करने का प्रचलन है।विभिन्न मान्यताओं के अनुसार कुछ न कुछ उपाय करके उस कठिनाइयों से निकलने का सभी प्रयास करते हैं।ऐसे ही कुछ उपाय यहां दिए जा रहे हैं
जाने वास्तु शास्त्र दोष
सेंधा या खड़े नमक का एक टुकड़ा शयनकक्ष के एक कोने में रखें।इस टुकड़े को महीने भर के बाद बदल दे और दूसरा नया टुकड़ा रख दें।इससे पति पत्नी में क्लेश नहीं रहेगा।
घर में धन का प्रवाह बनाए रखने के लिए कांच का एक गिलास लेकर उसमें पानी और नमक मिलाकर घर के नेत्र्त्य कोने में रख दें और उसके पीछे लाल रंग का एक बल्ब लगा दे और पानी और नमक बदलते रहें।
अगर कोई लंबी बीमारी से ग्रस्त है तो उसके सिरहाने कांच के एक बर्तन में नमक रखे।1 सप्ताह बाद उस नमक को बदल कर दोबारा नमक रख दे।धीरे-धीरे सेहत में सुधार होने लगेगा।
यदि मन अशांत चिंतित या बेचैन है तो नमक मिले हुए जल से स्नान करें।इसके इलावा दोनों हाथों में साबुत नमक भरकर कुछ देर रखे रहे, फिर वाश बेसिन में डालकर पानी से बहा दे।
यदि भोजन करते समय आपको दाल या सब्जी आदि में नमक या मिर्च कम लगे तो ऊपर से ना डालें।ऐसे में काला नमक या काली मिर्च का प्रयोग करें।ऐसा करने से शनि चंद्र और मंगल का दुष्प्रभाव नहीं होगा।
वास्तु-तथास्तु
घर के रोशनदानों-खिड़कियो की ऐसी व्यवस्था बनाए जिसमें घर में किसी न किसी प्रकार से धूप आए।
मकान के सभी दर्पण उत्तर या पूर्व की दीवार पर होने चाहिए।दक्षिण और पश्चिम की दीवार पर दर्पण नहीं लगाना चाहिए। टॉयलेट के वास बेसिन भी उत्तर या पूर्व दीवार पर लगाना चाहिए।
दफ्तर या अध्ययन कक्ष में टेबल को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखे जिसमें उसमें बैठने वाले का मुख पूर्व या उत्तर की ओर रहे।
मकान के उत्तर-पूर्व कौण में कचरा बिल्कुल ना डालें।उस जगह को साफ-सुथरा रखें।
बेडरूम में बेड के लिए आदर्श स्थिति कमरे का मध्य स्थान माना गया है या फिर दक्षिण पश्चिम कोना, बेड को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार से दूर रखना चाहिए।दक्षिण या पश्चिम की दीवार से सटाकर रखा जा सकता है।
रसोई में फ्रिज, मिक्सर और भारी सामान दक्षिण और पश्चिम दीवार से सटाकर रखें।