प्रेरणादायक सकारात्मक सुविचार

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प्रेरणादायक सकारात्मक सुविचार
प्रेरणादायक सकारात्मक सुविचार

प्रेरणादायक सकारात्मक सुविचार

हर व्यक्ति जीवन में जिस चीज की तलाश कर रहा है, वह है प्रेम।वास्तविकता यह है कि हम सभी के पास अनंत प्रेम है यह प्रेम प्रकट नहीं हो पाता।इसके लिए ऐसा दृष्टिकोण चाहिए, जिससे हमें यह महसूस हो कर हमें जो कुछ अच्छा या बुरा मिला है, वह भगवान का उपहार है।हमारे साथ यदि कोई बुरा बर्ताव भी करता है,तो हमें उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।यदि हम ऐसा दृष्टिकोण अपनाएंगे, तो जीवन एक आनंददायक अनुभवमें परिवार्तिक हो सकता है।यदि हम कार्यों का वांछित परिणाम चाहते हैं, तो हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि इसके लिए हमें तीन कारकों की आवश्यकता होगी:

उचित समय, आतम-प्रयास और भगवान की कृपा।हर चीज का एक विशेष समय होता है।खेती के लिए एक विशेष मौसम होता है।यदि आप किसी खास मौसम में उगने वाली फसल को दूसरे मौसम में उगाना चाहेंगे,तो आप कभी भी सफल नहीं हों सकते।यह सच है कि कोई भी बाढ़ के दौरान बीज नहीं बोता। व्यवहारिक ज्ञान के साथ किया गया प्रयास ही फलित होता है। अगर हम उचित समय पर उचित प्रयास करें, तब भी हमें भगवान की कृपा की आवश्यकता होगी।उदाहरण के लिए, यदि फसल की कटाई के सिर्फ 10 दिन पहले कोई प्राकृतिक आपदा आती है, तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।भगवान की कृपा के लिए  हमें विनम्रता, काम पर ध्यान देने और मुस्तैदी की जरूरत होती है।यह भी सच है कि यदि हम कार्य करने की बजाय भगवान भरोसे बैठे रहेंगे, तो भी हमें कभी सफलता नहीं मिलेगी।हमारे प्रयास को ईश्वर भी तभी फलीभूत करते हैं,जब हम उस दिशा में मेहनत करते हैं।एक छात्र ने अभी MBA पूरा किया है और वह प्लेसमेंट साक्षात्कार के लिए गया।दुर्भाग्य से, उसका चयन नहीं हो पाया।जब साक्षात्कार खत्म हो गया और सभी छात्र चले गए, तो वह छात्र हॉल में वापस आया।कमरे में चारों और बिखरी हुई कुर्सियों को देखकर वह उन्हें ठीक करने लगा।एक साक्षात्कारकर्ता एक कोने में बैठा था।छात्र को ऐसा करते देख कर उसने छात्र को वापस बुलाकर अधिकतम वेतन के साथ नौकरी दी।सिर्फ इसलिए कि वह साक्षात्कार में विफल हुआ था, लेकिन अपने जीवन में वह सफल  था।उसने अपनी सकारात्मक दृष्टि का त्याग नहीं किया।उसने बिखरी कुर्सियो को ठीक करना अपना कर्तव्य समझा।जिम्मेदारी कि उसकी समझ के कारण उसे नौकरी मिल गई।हम एक बार असफल होने पर निराश के गर्त में डूबने चले जाते हैं।हम काम करना छोड़ देते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।जब हमें असफलता मिले तो हमें महापुरुषों के जीवन को जरूर ध्यान में लाना चाहिए।उन्हें भी कई बार असफलता मिली होती है,लेकिन वह डटे रहे, जूझते रहे, तभी वे अपने कायो में सफल हो पाए।जब हमें विफलता का सामना करना पड़ता है, तो हमें टूटना नहीं चाहिए।हमें कोशिश जारी रखनी चाहिए।छोटे से छोटा जीव भी अपने प्रयास में लगा रहता है

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