अब गुलाब से होगा घरेलू इलाज
गुलाब ना केवल गुलाबी रंग का ही रहा होगा पर अब तो गुलाब एक दर्जन से भी ज्यादा रंगों में आम उपलब्ध है।
यह केवल पूजा, बैठक की सजावट, हर नौजवान स्त्री का श्रृंगार ही नहीं बल्कि शरीर को तंदुरुस्त रखने के भी काम आता है।अपने दवाई के गुणों के कारण ही यह हमें निरोगता दे सकता है।
गुलाब के साथ तैयार गुलाबजल हमारी आंखों के विकारों को ठीक करता है।दो-दो बूंद आंखों में डालने से आंखों को ठंडक मिलती है और उसके विकार भी दूर होते हैं।
गुलाब से बनी हुई गुलकंद रात के समय एक चम्मच खाकर गर्म दूध पीना कब्ज जैसे नामुराद रोग को दूर करता है।रोगी का अगर किसी और कारण के साथ शरीर बहुत कमजोर हो गया है तो हर रोज गुलकंद खाना शुरु करें। शरीर में फिर से सुस्ती आ जाएगी।पसीने की बदबू को हटाने के लिए भी पानी के साथ भरी बाल्टी में कुछ बूंदे गुलाब जल की मिलाने से स्नान करने से भी ताजगी मिलती है।मुहांसों से परेशान है तो गुलाब की पंखुड़ियों को दूध में भिगोकर इसमें चुटकी भर बोरिक पाउडर मिलाएं और मुंहासों पर लगाएं मुंहासे दूर होंगे और चेहरा भी खिल उठेगा।
पायरिया, मसूड़ों के रोग, दांतों का कमजोर होना, इन सभी के लिए गुलाब की पंखुड़ियों का सेवन करें।चबा-चबा कर खाने के साथ दांत, मसूड़े तो और भी मजबूत बनेंगे, मुंह से आने वाली बदबू भी नहीं रहेगी।
मिठाइयां, पकवानों, को खुशबूदार बनाने के लिए गुलाब के पत्ते डाले जाते हैं।गुलाब जल भी काम में ला सकते हैं। गुलाब का सेवन करने से खून को शुद्ध करता है।बेचैनी घबराहट को दूर करने के लिए सवेरे खुले वातावरण में निकल के फूलों के पत्तों को चबा चबा कर खाओ, बेचैनी नहीं रहेगी।
गुलाब की पंखुड़ियों का रस निकालकर कानों में डालो।दर्द दूर हो जाएगी।
इस तरह हम गुलाब की दवाई वाले गुणों का लाभ उठा सकते हैं।