आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला

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आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला किया है।
आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला किया है।

आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला

पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी क्लास शुरू करने के बाद आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला किया है।ऐसा करने से निश्चित रूप से बच्चों को लाभ मिलेगा क्योंकि प्रदेश में लगभग 20000 आंगनवाड़ी केंद्र गुरुद्वारों और जंजघरो  में चल रहे हैं।इन जगहो पर बच्चों को वैसा माहौल मिलना मुश्किल है जैसा कि स्कूलों में मिलता है।पहले चरण में 5000 आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा।सरकार को यह देखना होगा कि स्कूलों में बच्चों को उचित सुविधाएं मिले और उनकी देखभाल सही तरीके से हो।कई स्कूलों में आधारभूत ढांचे का अभाव है।आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने का फैसला स्टाफ की कमी से भी स्कूल जूझ रहे हैं।आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने के फैसले का अपेक्षा तभी मिलेगा जब सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों में कमियों को दूर करने के लिए गंभीरता दिखाएंगे।प्रदेश में करीब 27 हजार स्कूलों में चल रहे हैं।विभाग की मंत्री का कहना है कि इस फैसले से बच्चों को शिक्षा के लिए बेहतर माहौल मिलेगा।लेकिन साथ ही वे यह भी स्वीकार कर रही है कि बहुत से स्कूलों में आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए स्कूलों में हाल का निर्माण करवाया जाएगा।सरकार को यह देखना होगा कि जिन स्कूलों में आधारभूत ढांचे व इमारतों का अभाव है वहां पर इस कमी को शीघ्र पूरा किया जाए।कई बार सरकार आनन-फानन में फैसला कर लेती है लेकिन बाद में योजना के मुताबिक  काम नहीं हो पाता है अधिकारियों की लापरवाही व सरकार इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है।आंगनवाड़ी केंद्रों को शिफ्ट करने के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। आंगनवाड़ी केंद्रों को स्कूलों में शिफ्ट करने के फ़ेसले का अपेक्षित नतीजा तभी मिलेगा जब सरकार स्कूलों में कमियों को दूर करने के लिए गंभीरता दिखाएगी।

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