धन प्राप्ति के अद्भुत टोटके
दुकान में तिजोरी के पास लक्ष्मी गणेश की तस्वीर लगाएं दुकान खुलते ही मनोभावना से लक्ष्मी की पूजा करके बैठे।निश्चित ही व्यापार में वृद्धि होगी।
अकस्मात धन लाभ के लिए सफेद कपड़े की ध्वजा को पीपल के वृक्ष पर लगाना चाहिए।अगर व्यवसाय में आकस्मिक व्यवधान एवं पतन की संभावना प्रबल हो रही हो तो यह प्रयोग करने से स्थिरता आती है तथा बाधाएं दूर होती हैं।
घर के मुख्य द्वार पर प्रतिदिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं तथा दीपक बुझ जाने पर बचे हुए तेल को संध्या के समय पीपल के पेड़ पर चढ़ा दे।इस प्रकार सात शनिवार करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।इस प्रयोग का प्रारंभ भी किसी शनिवार से ही करना चाहिए।
शुक्रवार के दिन कमल का पुष्प लाकर अपनी तिजोरी अथवा किसी अलमारी में लाल वस्त्र में लपेट कर रखना चाहिए।ऐसा करने से व्यक्ति धन सरलतापूर्वक जूटा लेता है।
प्रात:काल उठकर सर्वप्रथम अपने दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर उन्हें चूमे और अपने चेहरे पर तीन-चार बार फिराए।
खाने से पहले रोटी गाय और कुत्ते के नाम की निकाले।
अपने खाने में से थोड़ा सा अंश निकालकर कौओ को डाला करें।
प्रत्येक शनिवार को घर से गंदगी निकालने का नियम बना ले।
इस दिन घर से मकड़ी के जाले रद्दी, टूटी-फूटी सामग्री घर से बाहर फेंक दिया करें।
घर के मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की प्रतिमा चित्र इस प्रकार लगाएं जिससे कि उनका मुंह घर के भीतर की ओर रहे।
घर में अगर तुलसी लगी हो तो सायकाल वहां एक दीपक जला दिया करें।
रवि-पुष्य-योग में ‘कुशमूल’ ले आए।उसको गंगा जल से स्नान कराकर देव प्रतिमा की भांति पूजन करें और लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख दे। प्रतिदिन धूप दीप करें।
गुरु पुण्य योग के दिन स्नान करके एक गांठ हल्दी ले।उसे पीले रुमाल में रखें, कुछ चावल के दाने भी उसमें रखे और हल्दी रजित नारियल का समूचा गोला और एक सुपारी भी रखें।उसे धूप दीप करके कोई सिक्का, जो पहले से हल्दी में रंगा रखा हो उसे भी उसमें रख दे।प्रतिदिन धूप दीप अवश्य करते रहे।
एक नवीन पीले वस्त्र नागकेसर, हल्दी, सुपारी एवं सिक्का तांबे का टुकड़ा सिक्का, चावल की पोटली बना लें।इस पोटली को शिवाजी के सम्मुख रखकर धूप दीप पूजन करके सिद्ध कर ले फिर तिजोड़ी में कहीं भी रख दे।
दुकान खोले तो कार्य प्रारंभ करने से पूर्व नित्य अगर लक्ष्मी जी के चित्र को धूप-दीप कर प्रणाम किया जाए तो अवश्य ही बिक्री बढ़ जाएगी।