अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर आप सब को बहुत बहुत शुभकामनाये
#महिला दिवस-भारतीय नारी स्वरूप को प्रत्येक दिन समर्पित
भारत में प्राचीन काल से महिला/नारी को वेद नारी के रूप में समाज मे अत्यंत महत्वपूर्ण, उच्च गरिमामय स्थान प्रदान किया है । स्त्रियों की शिक्षा-दीक्षा, शील, गुण, कर्तव्य, अधिकार और सामाजिक भूमिका में बराबर का स्थान दिया । ऐसा अन्य सभ्यताओ व धर्मग्रंथो में नहीं है । वेद उन्हें घर, राष्ट्र ओर पृथ्वी की सम्राज्ञी तक बनने का अधिकार देते हैं ।
वेदों में स्त्री यज्ञीय है अर्थात् यज्ञ समान पूजनीय वेदों में नारी को ज्ञान देने वाली, सुख–समृद्धि लाने वाली, विशेष तेज वाली, देवी, विदुषी, सरस्वती, इन्द्राणी, उषा जो सबको जगाती है इत्यादि अनेक आदर सूचक नामो से सम्बोधित किया हैं ।
वेदों में स्त्रियों पर कोई प्रतिबन्ध नहीं । उसे सदा ‘विजयिनी’ कहा है । उसके हर काम में सहयोग और प्रोत्साहन की बात कही है । वैदिक काल में नारी अध्ययन-अध्यापन से लेकर रणक्षेत्र में भाग लेने की अनुमति रही है । जैसे कैकयी महाराज दशरथ के साथ युद्ध में गई थी ।
“नारी” अनेक ऋषिकाएं वेद मंत्रों की द्रष्टा हैं । अपाला, घोषा, सरस्वती, सर्पराज्ञी, सूर्या, अदिति सावित्री, दाक्षायनी, लोपामुद्रा, विश्ववारा, आत्रेयी आदि । वेदों में नारी के स्वरुप की झलक मंत्रों में भी मिलती है ।
आये इस कविता को यथार्थ करे
नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो,
टूटी हुई उम्मीदों की एकमात्र आस हो,
हर जन का तुम्हीं तो आधार हो,
नफ़रत की दुनिया में मात्र तुम्हीं प्यार हो,
उठो अपने अस्तित्त्व को संभालो,
केवल एक दिन ही नहीं,
हर दिन नारी दिवस बना लो…
नारी दिवस की हार्दिक बधाई !
#Happywomenday
इंटरनेशनल वीमेन डे100 Heavy Discounted health Products