होलिका दहन तक करें विष्णु पूजा फागुन शुक्ल अष्टमी से होलिका शत मनाया जाता है इस समय विवाह के किए जाएं तो वे टूट जाते हैं इन 8 दिनों में धर्म कर्म दान पुण्य कार्य करने चाहिए द्वापर युग में भी फागुन की पूर्णिमा को श्री कृष्ण ने पूतना का वध किया इसलिए पूतना यानी राक्षसी को जलाने के लिए हरियाणा राजस्थान पंजाब आदि क्षेत्रों में गोबर से बने मालाएं आदि होलिका में जलाने का भी प्रचलन है हिरण की पढ़ती आसुरी प्रवृत्ति को देखते हुए विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया प्रह्लाद ने विष्णु जी का नाम जप स्मरण शुरू कर दिया था खोल का कष्ट में निम्न उपाय करें चिंताओं एवं समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए इन दिनों में विष्णु जी के साथ-साथ नरसिंह स्त्रोत का पाठ करना चाहिए इसी प्रकार अपने आराध्य देव के चरणों में निमर पूजा सामग्री अर्पित करने चाहिए सूर्य के कारण कोई समस्या आ रही हो तो लाल फूल और कुमकुम अर्पित करें जिन जातकों का विवाह नहीं हो पा रहा हो अथवा मनपसंद जीवनसाथी की प्राप्ति में बाधाएं आ रही हूं तो अभिमंत्रित गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से अनुकूलता मिलती है और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है संतान प्राप्ति के लिए अमित रक्त एकादशी सिद्ध श्री फल भगवान शिव को चढ़ाएं भगवान विष्णु को माखन मिश्री का भोग लगाकर बांसुरी अर्पित करें तथा मनोकामना पूर्ति मंत्र जप के साथ ही गर्म गोरी रुद्राक्ष धारण करें गुप्त शत्रु एवं शक्तिशाली दुष्टों के संहार के लिए इन ऑल का कष्ट में हिमाचल की बगलामुखी देवी अथवा शिमला में हनुमान जी के सिद्ध पीठ जाखू मंदिर में अभिमंत्रित एकादशी सी फल चढ़ाएं 101 बंदरों को जिम आए तथा बगलामुखी एवं शत्रु नाशक मंत्रों की 108 अंखियों के साथ अमन का यंत्र धारण करें शत्रुओं का अंत होगा तथा आपकी विजय श्री का डंका चारों ओर बजेगा