अनुपम है अनुलोम विलोम

0
875

अनुलोम-विलोम मन में शांति करने वाला नाड़ीशोधन प्रणाम है इस प्राणायाम से हाथ की पकड़ मजबूत होती है इसलिए यह कंप्यूटर पर लगातार बैठने वालों और आर्थराइटिस की प्रभावित अवस्था वाले व्यक्तियों के लिए विशेष उपयोगी है इसको लेकर बैठ कर खड़े-खड़े और यहां तक ले चलते भी किया जा सकता है अपने मन करता है इसलिए तनाव के लक्षणों में अत्यंत लाभकारी है इस प्राणायाम को करने के बाद आप दिनभर सुबह को ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं यह है विधि शरीर को सहज रखते हुए बैठे बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा किस तिथि में रखें और शेष तीनों उंगलियों एकदम सीधी हो हथेलियों की दिशा ऊपर की ओर हो रेड और गर्दन सीधी रखें आंखें बंद रखें दाएं हाथ की तर्जनी और मध्यमा को दोनों भौहों के बीच निकालें दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाहिने हॉस्टल को बंद कर बाईं नासिका से धीमी लंबी और गहरी सांस लें फिर बाय नासिका को दाएं हाथ की अनामिका उंगली से बंद कर अदाएं नासिका से धीरे-धीरे सांस बाहर निकल जाने दे पूरी प्रक्रिया के दौरान ध्यान सांस पर ही केंद्रित रखें अंत में दोनों हथेलियों को रगड़कर आंखों पर लगाएं कितनी देर तक दोनों नासिका चित्रों से यह प्रक्रिया लगभग 20 मिनट तक 21 से 30 राउंड तक लगातार करने पर ही लाभ होता है कैंसर सिस्टम से संबंधित समस्याएं सोरायसिस पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसे रोगों में इसे आधे घंटे तक किया जा सकता है इस शब्द वर्ग में योग विशेष्य से परामर्श लेना बेहतर रहेगा लाभों को जाने पूरे शरीर में रक्त जा समुचित रुप से संचार होता है शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलने से व्यक्ति उर्जावान महसूस करता है डिप्रेशन माइग्रेन नर्वस सिस्टम ब्रेन आंखों की रोशनी मध्य हाइपरटेंशन और लकवा से लाभप्रद है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है याददाश्त और एकाग्रता काफी बढ़ जाती है मन को शांति मिलती है ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है समझे सावधानियां खाली पेट के प्राणायाम करना सर्वोत्तम है सांस जोर-जोर से ना लें सांस की गति इतनी सहज होकर आपको सुबह भी अपनी सांस की आवाज सुनाई ना दे सांस पेट में नहीं केवल फेफड़े में भरे अभ्यास के दौरान मुंह बंद रखें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here