मिस्ड कॉल से ही हैक हो सकता है आपका स्मार्टफोन

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मिस्ड कॉल से ही हैक हो सकता है आपका स्मार्टफोन
मिस्ड कॉल से ही हैक हो सकता है आपका स्मार्टफोन

हो सकता है आप स्मार्टफोन, कंप्यूटर के मामले में बेहद सतर्क और चाक-चौबंद किस्म के यूजरहों ।  आप इंटरनेट से कोई अनजान फाइल डाउनलोड नहीं करते, ईमेल में आने वाले संदिग्ध  लिंक पर क्लिक नहीं करते, बहुत जटिल किस्म के पासवर्ड बनाकर रखते हैं, साइबर सुरक्षा के ताजा तरीन साधनों का इस्तेमाल करते हैं, किसी दूसरे स्रोत से आने वाली फाइलों को पहले एंटीवायरस स्कैन करते हैं।   लेकिन कड़वी हकीकत तो यह है कि आप कुछ भी कर ले, फिर भी आपके स्मार्ट फोन को हैक किया जा सकता है। हैक का मतलब सिर्फ उसमें घुसपैठ तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसा करने वाले को आप के तमाम  टेलीफोन कॉन्टैक्ट्स, एसएमएस, फोटो वीडियो ,ईमेल, पासवर्ड, एप्लीकेशन तक की एक्सेस मिल सकती है। जाहिर है कि आपकी हर सही गलत , प्राइवेट और पब्लिक गतिविधि उस हैकर की नज़र मे रहेगी।इतना ही नहीं वह दूर से ही आपके फ़ोन फ़ोन के के ज़रिए किसी को भी फ़ोन कर सकताहै।

आजकल जिस पिगैसस(Pegasus) नाम  के स्पाइवेयर की चर्चा है, वह ठीक यही करता है।क्या आप भी व्हाट्सएप के जरिए टेलीफोन कॉल और वीडियो कॉल करते हैं? इसी सुविधा में  मोजूद  एक तकनीकी खामी का फायदा उठाकर यह स्पाइसवेयर आपके स्मार्टफोन को हैक कर लेता है, फिर भले ही आपका फोन आईफोन  हो या फिर कोई एंड्राइड  फोन। पिछले अप्रैल और मई 2019 के बीच 20 देशों के 1400  प्रभावशाली लोगों के स्मार्टफोनों  को इसके ज़रिये हैक  कर लिया गया था। इन लोगों को कम से कम दो दर्जन  भारतीय पत्रकार और एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं। व्हाट्सएप ने इजराइल की एक कंपनी एनएसओ ग्रुप को दोषी ठहराते हुए अमेरिका के सान फ्रांसिस्को की संघीय अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया है।

पिगैसस को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। हैकर  इसे खरीदने के बाद व्हाट्सएप के जरिए संबंधित व्यक्ति को एक संदेश भेजता है जिसमें एक  वेब लिंक दिया हुआ  होता है। वह किसी तरह से उस लिंक को क्लिक करने के लिए प्रेरित करता है। लिंग क्लिक करते ही  पिगैसस फोन में इंस्टॉल हो जाता है, और अपना काम शुरू कर देता है। इजाजत लेना तो दूर  की बात , यह घटना  उसकी जानकारी में भी नहीं होती है।ताज्जुब की बात यह है कि फोन में ऐसा कुछ भी महसूस नहीं होता, जिससे उस शख्स को पता चले कि उसमें कुछ  इंस्टॉल किया गया है या फोन को हैक किया गया है। इंस्टॉल होते ही  पिगैसस हैकर से संपर्क करता है और उसके बाद हैकर  उसे कमांड देना शुरू कर देता है। इन कमांड्स के जरिए वह  उस स्मार्टफोन की  किसी भी चीज को अपने पास मंगवा सकता है ,यहां तक कि टेलिफोन कॉल्स पर हो रही बात को भी सुन सकता है । वह आपके कैमरे और माइक्रोफोन को भी ऑन कर सकता है, जिससे  वह आस-पास की गतिविधियों को देख सकें। इस हैकर  को पकड़ना असंभव है क्योंकि वह ना जाने दुनिया के किस गुमनाम स्थान  पर बैठकर यह सब कारनामे को अंजाम दे रहा होगा ।लेकिन यह तरीका तो वह था, जिसमें कम से कम जरा सी सावधानी की गुंजाइश है।अगर आप लिंक को क्लिक नहीं करें तो मैलवेयर इंस्टॉल नहीं होगा। लेकिन इससे पहले कि आप राहत की सांस लें, इसके काम करने का दूसरा तरीका सुन लिजिए, जिसका कोई तोड़ किसी के पास हो ही नहीं सकता।यह नया तरीका है जिसमें वह हैकर उस शक्स को वीडियो कॉल करता है। बस इसी वीडियो कॉल से वह आपके स्मार्टफोन में घुस जाता है। भले ही आप वीडियो कॉल रिसीव करें या ना करें, भले ही आप उसका जवाब दे या ना दे।फ़ोन में में घंटी बजना भी आपके  स्मार्ट फोन में घुसपैठ करने के लिए काफी है।जरा सोचिए आप मिस्ड कॉल को कैसे रोकेंगे ? और इसके बाद वही सब कुछ । आपकी हर गतिविधि, हर सामग्री, हर  एप्लीकेशन किसी और के कब्जे में होगा । हैकर आपकी लोकेशन को जान सकता है,नेटवर्क का ब्यौरा जान सकता है, स्मार्टफोन की सेटिंग्स को एक्सेस कर सकता है और आपने उस पर अब तक क्या-क्या किया, उसका हिसाब किताब  जान सकता है। यानी  जो आप खुद नहीं जानते , वह सब  भी उसे पता होगा।इस स्पाइवेयर की और भी कई ‘खासियतें’ हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने अपने फोन को एक्सेस करने के लिए पासवर्ड, फिंगरप्रिंट, नंबर- की या  कोई दूसरा तरीका  सक्रिय किया  हुआ है। फोन में उसकी गतिविधियों का कोई सुराग किसी को नहीं लगता । इस तरह की  हैकिंग में स्मार्टफोन की ‘जीरो डे’ संबंधित कमजोरियों का फायदा उठाया जाता है। ये ऐसी कमजोरियां  हैं जिनके बारे में खुद स्मार्टफोन  की निर्माता कंपनी को नहीं पता होता और इसलिए इनका कोई इलाज भी उपलब्ध नहीं होता ।नतीजा साफ है। हालांकि यह स्पाइवेयर कम से कम 3 साल से इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन ना तो व्हाट्सएप , ना ही एप्पल या गूगल को इसकी जानकारी मिली। ना जाने इस दौरान कितनी  बड़ी संख्या में लोगों के फ़ोन हैक हुए  होंगे। और यह स्थिति तब है जब व्हाट्सएप बार-बार यह दावा करता है कि उसके जरिए भेजा जाने वाला हर संदेश दोनों छोर पर एंक्रिप्ट किया गया है।व्हाट्सएप ने इस समस्या का समाधान करते हुए एक अपडेट जारी किया है जिसे इंस्टॉल करने के बाद आप सुरक्षित हो जाएंगे। बहुत संभव है कि अब तक अपडेट आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल भी हो चुका हो। फिर भी सुरक्षा के लिए अपने फोन को व्हाट्सएप अपडेट कर ले।

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