कहानी : दिल जीत लिया उसने
गरीब घर का बालक मेहनत से कमा ही नहीं रहा थी,अपने व्यवहार और हाजिरजवाबी से दिल भी जीत रहा था।
प्रात काल भ्रमण से लौट कर हम कुछ मित्र चाय के ठेले पर चाय पी रहे थे।इतने में लगभग 12 साल की उम्र का एक लड़का साइकिल पर आया और बोला,अंकल 10 रुपये के दो पैन ले लीजिए।हमने उसकी और देखा, तो वह कपड़ों व हुलिए से किसी गरीब परिवार का लग रहा था।मगर उसकी बातों में गजब का आत्मविश्वास झलक रहा था।मानो वह मेहनत करके अपने परिवार की मदद करना चाहता हो और उसके अंदर कुछ करने की चाहत जबरदस्त हो उसने पुनः हम मित्रों की ओर मुखातिब होकर कहा,’ 10 रुपये के दो पेन ले लीजिए ना अंकल।, एक दोस्त बोला,10 रुपये के तीन दो?’‘नहीं,अंकल तीन नहीं पड़ते…. ।, ‘अरे, परसो तो तुमने हमारे साथी को 10 के तीन दिए थे।मित्र ने उसके झूठ को पकड़ने की गरज से कहा।‘अरे, अंकल, वो तो मैं 10 रुपये के दो ही दिए थे,परंतु उस दिन मेरा जन्मदिन था, इसलिए उन अंकल को एक पेन गिफ्ट में दे दिया था।‘उस छोटी उम्र के बड़े दिल वाले आत्मविश्वासी बालक ने अपनी बातों एवं जन्मदिन पर उपहार देने की बात से हम सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।एक छोटा गरीब बालक भी अपने जन्मदिन पर दूसरों को तोहफा इस रूप में दे सकता है, यह सुनकर हम प्रभावित हुए बिना ना रह सके।हृदय में बालक के प्रति स्नेह एवं सम्मान के भाव अंकित हो गए।