जिंदगी में हर जगह हम प्लास्टिक का इस्तेमाल करते है। सिर्फ किचन की बात करें तो नमक, घी, तेल, आटा, चीनी, ब्रेड, बटर, जैम और सॉस…सब कुछ प्लास्टिक में पैक होता है। तमाम चीजें भी प्लास्टिक के कंटेनर्स में ही रखी जाती हैं। सस्ते, हलके और लाने-ले जाने में आसान होने की वजह से लोग प्लास्टिक कंटेनर्स को पसंद करते हैं। खाने-पीने की चीजों में इस्तेमाल किया जाने वाला प्लास्टिक नुकसानदायक हो सकता है। जानें उसके बारे में। प्लास्टिक कितना जहरीला एक रिसर्च के मुताबिक, पानी में न घुल पाने और बायोकेमिकल ऐक्टिव न होने की वजह से प्योर प्लास्टिक कम जहरीला होता है लेकिन जब इसमें दूसरे तरह के प्लास्टिक और कलर्स मिला दिए जाते हैं तो यह नुकसानदेह साबित हो सकता है। गर्मी के मौसम में ये केमिकल्स खिलौने या दूसरे प्रोडक्ट्स में से पिघलकर बाहर निकल सकते हैं। इस खतरे को ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने बच्चों के खिलौनों और चाइल्ड केयर प्रोडक्ट्स में इस तरह के प्लास्टिक के इस्तेमाल को सीमित कर दिया है। यूरोप ने साल 2005 में ही इस पर बैन लगा दिया था तो जापान समेत 9 दूसरे देशों ने भी बाद में इस पर पाबंदी लगा दी। प्लास्टिक की थालियां और स्टोरेज कंटेनर्स खाने-पीने की चीज में केमिकल छोड़ते हैं। इसका खतरा टाइप 3 और 7 या किसी हार्ड प्लास्टिक से बने कंटेनर्स में और भी ज्य़ादा होता है। इन प्लास्टिक्स में बाइस्फेनॉल ए (बीपीए)नामक केमिकल होता है। प्लास्टिक आइटम्स में बीपीए के बाद सबसे ज्य़ादा इस्तेमाल होने वाला केमिकल है थालेट्स )। यह प्लास्टिक को लोचदार बनाता है। ये केमिकल हमारे शरीर के हॉर्मोंस को प्रभावित करते हैं। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस बात को माना है कि सभी तरह के प्लास्टिक एक वक्त के बाद केमिकल छोडऩे लगते हैं, खासकर जिन्हें गर्म किया जाता है। ऐसा करने से प्लास्टिक के केमिकल्स टूटने शुरू हो जाते हैं और फिर ये खाने-पीने की चीजों में मिल जाते हैं, जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पानी की बोतलों को एक बार इस्तेमाल करके तोड़ देना चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि अकसर हम प्लास्टिक की बोतल को तेज धूप में खड़ी कार में रखकर छोड़ देते हैं। गर्म होकर इन प्लास्टिक बोतलों से केमिकल निकलकर पानी में रिएक्ट कर सकता है। ऐसे पानी या सॉफ्ट ड्रिंक्स को नहीं पीना चाहिए।