खानपान की गलत आदित्य ना केवल शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि कई बार यह गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या का रूप धारण कर लेती है जिन्हें ईटिंग डिसऑर्डर कहा जाता है मनपसंद गाने का नाम सुनते ही मुंह में पानी आना या टेस्टी डिशेज देकर भी बढ़ जाना तो स्वाभाविक है लेकिन कुछ लोग ऐसे ही होते हैं जिनका उनकी फूड हैबिट पर कोई नियंत्रण नहीं होता ऐसे लोग जब मर्जी होती है कुछ भी बेहिसाब खा लेते हैं या फिर खाते ही नहीं अगर आप के साथ हुई ऐसी समस्याओं को नजरअंदाज ना करें क्योंकि यह ईटिंग डिसऑर्डर का लक्षण हो सकता है वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन इमेजिन में इसकी संख्या बढ़ जाती है क्योंकि यही वह समस्या होता है जब आप अपने फिजिकल अपीयरेंस को लेकर ज्यादा कशिश रहते हैं हालांकि किसी व्यक्ति के खानपान की आदतों शरीर रचना एवं देख कर यह पता नहीं लगाया जा सकता कि उसे ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या है या नहीं नजर आते हैं एनोरेक्सिया नर्वोसा बुलिमिया और बिंज ईटिंग जो व्यक्ति के शरीर मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालते हैं एनोरेक्सिया नर्वोसा एनोरेक्सिया के क्रश खेलो अपने वजन को लेकर चिंतित रहते हैं अंडरवेट होते हुए भी उनके दिमाग में वजन घटाने का फितूर सवार देता है जिसके कारण वे खाने की मात्रा लगातार काम करते जाते हैं इसके अलावा अपने शरीर की बनावट को लेकर इतने चिंतित रहते हैं भूख लगने के बाद खाने से बचने की कोशिश होती है अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा बहुत कम कर देते हैं आप से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं शरीर के लिए नुकसानदेह होता है ज्यादातर टीनएज लड़कियां बहुत कम खाने से शरीर में विटामिन जैसे पोषक तत्व की कमी हो जाती है इसकी वजह से एनीमिया और उनसे जुड़ी लड़कियों में अनियमित पीरियड्स जैसी समस्या हो जाती है बुलिमिया नर्वोसा ईटिंग डिसऑर्डर से जुड़ी गंभीर समस्या है इस से ग्रस्त लोग फूड क्रेविंग की वजह से अपने मनपसंद विशेष जी भर कर खा लेते हैं उसके बाद जानबूझकर बंपिंग करते हैं ऐसा करने के पीछे उनकी यही मंशा होती है कि मनुष्य में भोजन का स्वाद लेने के लिए वोटिंग करने से वजन नहीं बढ़ेगा एनोरेक्सिया की तरह बुलिमिया के मरीजों को भी हमेशा वजन बढ़ने का डर सताता रहता है और इसी डर की वजह से वह कैलरी जताने के लिए ऐसे नुकसान दे तरीके अपनाते हैं वोटिंग करने की कोशिश करते हैं बिंज ईटिंग इस समस्या से ग्रस्त लोगों को भोजन से बहुत लगाव होता है इनके लिए अपनी फूड क्रेविंग को रोकना मुश्किल होता है हिंदी मानसिंह की आदत होती है और यह बिना सोचे समझे हमेशा कुछ ना कुछ खाते रहते हैं घर में बार बार फिर खोलना दोस्तों की प्लेट से कुछ भी ठाकुर खा लेना निकली आदत होती है अपनी इस आदत की वजह से नहीं है बहुत शर्मिंदगी भी महसूस होती है इसके लिए कई बार में शिक्षित कर अकेले भी खाते हैं बिना सोचे समझे लगातार खाते रहने की आदत के कारण ऐसे लोग ही बेकार हो जाते हैं ऐसे लोगों में इतनी जबर्दस्त होती है खाने के लिए उन्हें भी हो सकता है क्या है उपचार ईटिंग डिसऑर्डर एक मनोवैज्ञानिक समस्या है इसका उपचार भी काउंसलिंग है के मरीजों को विभिन्न प्रकार की राई को धरती दी जाती है जिसमें मरीज के दिमाग में मोटे होने का भ्रम निकल जाता है बेहतर परिणाम के लिए कुछ दवाओं के जरिए भी ईटिंग डिसऑर्डर का उपचार किया जाता है इसके अलावा न्यूट्रीशनिस्ट द्वारा काउंसलिंग भी जरूरी है इन बातों का रखें ध्यान खाने का टाइम निश्चित करें अगर आपको अपने फूड हैबिट में कुछ भी असामान्य लगे तो एक्सपर्ट की सलाह ले अपने बढ़ते वजन के लिए दूसरों को एक्टिव कमेंट पर जरा भी ध्यान ना दें बार-बार भजन चक्र ना करें