अन्ततः चीन को घुटनों के बल झुकाय
पाकिस्तान के मुंह पर चीन से थुकवाया।।
इसी को कहते हैं 56 इंच की छाती वाला चौकीदार।
पाकिस्तान क्योंकि दुनिया भर के आतंकी विषधरों की बांबी के रूप में कुख्यात है। अतः मसूद अज़हर या पाकिस्तान पर इस फैसले का कोई बहुत विपरीत प्रभाव पड़ेगा, मैं ऐसा नहीं मानता। लेकिन मसूद अज़हर पर प्रतिबंध की लड़ाई भारत के लिए चीन के साथ अत्यधिक महत्वपूर्ण कूटनीतिक शक्ति परीक्षण वाली अंतरराष्ट्रीय ज़ंग का रूप ले चुकी थी। जिसके फैसले को चीन लगातार बार बार टालने में सफल हो जाता था। लेकिन अन्ततः भारत ने उसे इसे शक्ति परीक्षण में चारों खाने चित्त करने में सफलता पायी है।
यह अनायास या अचानक नहीं हुआ है। चीन का हृदय परिवर्तन स्वतः नहीं हुआ है। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले कुछ वर्षों से चीन के खिलाफ की जा रही सघन कूटनीतिक घेराबंदी के कठोर शिकंजे की ही महत्वपूर्ण भूमिका थी, जो अब निर्णायक बिंदु पर पहुंच गई थी। इस शिकंजे को बर्दाश्त करना चीन के लिए असम्भव हो गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिखा दिया है कि एक चायवाला ही यह करिश्मा कर सकता है।
साभार- सतीशचंद्र मिश्र