फूलों का राजा यूं ही नहीं है आम

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आम को फूलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता है। दरअसल इसके अनेक गुण होते हैं। इसमें विटामिन बी-1, B-2 कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और आयरन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।

आम को फूलों का राजा यूं  ही नहीं कहा जाता है। दरअसल इसके अनेक गुण होते हैं। इसमें विटामिन बी-1, B-2 कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम और आयरन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसलिए इसकी गुठली पत्तियां व लकड़ी भी उपयोगी होती है। अलबत्ता मधुमेह पीड़ितों को आम के सेवन से बचना चाहिए। आम के पौधे लगाने के लिए मानसून का मौसम सबसे उपयुक्त होता है। पहली बारिश के बाद ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। लुई, पथरीली और जलभराव वाली भूमि इसके लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है। आम के पौधे कलम से तैयार होते हैं।उन्हे बीज से भी तैयार किया जाता है। बीज के लिए जुलाई के महीने में गुठली को मिट्टी में दबाना होता है

ऐसे करें तैयारी :

 50 सेंटीमीटर व्यास वाला करीब 1 मीटर गहरा गड्ढा मई मास में खो दें उसमें लगभग 30 से 40 किलोग्राम गोबर की खाद मिट्टी में मिला कर भर दे। इसमें करीब 100 ग्राम क्लोरोपायरी फोर्स पाउडर मिलाएं। इसके बाद पौधों को रोपे।लोग घर के आंगन में भी इसका पोधा रोपना चाहते हैं तो बौने किस्म, मसलन अम्रपाली, अंबिका प्रजाति के पौधे लगा सकते हैं। वैसे तो आम के बाग कहीं भी लगाए जा सकते हैं, लेकिन जहां अच्छी वर्षा और सुखी व गर्मी वाली जलवायु होती है, वे इसके लिए मुफीद मानी जाती है। इसके लिए 23 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड वाला तापमान उत्तम माना जाता है।

जुलाई में लगाए पौधे :- पौधे लगाने के लिए जुलाई अगस्त का महीना उपयुक्त होता है। पौधों के बीच 10 मीटर की दूरी रखना चाहिए।

प्रमुख प्रजातियां :-देश में उगाई जाने वाली आम की किस्मों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा,फजली,बुंबई-ग्रीन, अल्फोंजो, बैंगन पल्ली,हिम सागर, केशर, किशन भोग, मलगोवा, नीलम, सुवर्ण रेखा, वनराज व जर्दालू आदि शामिल है। नई किस्मों में मल्लिका, आम्रपाली, रत्ना,अर्का अरुण, अरमा पुनीत, अर्क अनमोल तथा दशहरी -51 प्रमुख प्रजातियां हैं। उत्तर भारत में मुख्यता गोरजीत,  बंबे ग्रीन दशहरी, लंगड़ा, चौसा, व लखनऊ सफेदा प्रजातियां पाई जाती है

फायदे

कच्चे आम में विटामिन सी बहुतायत  में होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है।

आम में मैगीफेरीन नामक यौगिक पाया जाता है, जिसमें anti-cancer गुण पाए जाते हैं।

इसमें मौजूद पॉलीफेनलिक यौगिक  में एंटीऑक्सीडेंट व  इन्टीफेमेट्री गुण पाए जाते हैं।

आम में विटामिन बी भी पाया जाता है, जो ऑक्सीलेट यानी गुर्दे की पथरी को कम करता है

 इसमें हिपेप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

विटामिन ए त्वचा को स्वस्थ रखता है और झुर्रियों को शुरुआती लक्षणों को कम करता है।

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