देश में बीमा कंपनियां बांझपन और हादसे में हुए गर्भपात के लिए भी मुआवजा देंगी। एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने यह जानकारी दी ।आईआरडीए ने बताया कि कुछ कंपनियों ने हाईकोर्ट की पहल के बाद ऐसी पाल्सी शुरू की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में ताजा स्टेटस रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल करने के आदेश दिए हैं। याचिका दाखिल करते हुए मोनिका डी महताब ने कहा कि अमेरिका ब्रिटेन व अन्य देशों में बांझपन या हादसे से हुआ गर्भपात बीमा कवर में आता है। बांझपन या गर्भपात की स्थिति में बीमा कंपनियां पीड़ित को क्लेम की राशि मुहैया करवाती है।बांझपन की स्थिति में यह क्लेम अच्छे से अच्छा इलाज करवाने के लिए मुहैया करवाया जाता है। याची ने कहां की जब विदेश में ऐसा होता है, तो भारत में भी इसके लिए प्रावधान होना चाहिए। भारत में अभी तक इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। यह इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आते । लेकिन अब बांझपन के इलाज एवम हादसे में गर्भपात का भी बीमा