इमीग्रेशन के फंडे  

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how to get immigration
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इमीग्रेशन के फंडे के कालम में हम आप को विदेश में पढाई  के साथ साथ वहा पक्के होने की संभावना के बारे में बतायेंगे  ताकि आप को विदेश में जाकर भटकना न पढ़े |

  1. खास तौर पर विदेश  में पढाई के लिए  जाने वाले विद्यार्थियों   का मकसद होता है पढाई के बाद वही पर पक्का हो जाना पर तभी ऐसा हो सकता हैं , जब वो पढाई  के लिए  विदेश जाने से पहले सही देश का चुनाव करे पढाई  के लिए सही देश का चुनाव  करके आप अपने अगले कदम की ओर बढ़ सकते है|
  2. सही देश का चुनाव  करने के बाद आप को इएलेट्स के कोर्स में 6 बैंड हासिल करने चाहिए, क्यूंकि खास तौर पर 12वी के बाद सारे देश 6 बैंड कि मांग करते हैं , बल्कि कई कोर्सो में 5 बैंड के साथ भी काम चल जाता हैं , पर अगर आप 6 बैंड प्राप्त कर लेते हैं , तो यह आप के लिए वीजा प्राप्त करने में मददगार होता हैं |

३ इसके बाद आप का तीसरा कदम सही कोरस का चुनाव करना होता हैं , क्यूंकि   कई बार आप ऐसा  कोर्स का  चुनाव कर लेते हैं , जिस की पढाई  वहां पर नई होती ऐसे हालत में आपका वीजा रद्द होने का खतरा रहता है,  अगर आप ने पढाई   केलिए सही कोर्स का चुनाव नहीं  कियाहैं  तो आप को विदेश में पक्के  होने में परेशानी हो सकती हैं| कई ऐसे काम  होते हैं,  जिनकी भारत में मांग होती है पर और देश में उस काम  की अहमियत नहीं होती बल्कि ऐसे कोर्स के साथ की गई पढाई बेकार हो जाती है और पक्के होने में मद्ददगार नहीं  होती|

4 सही कोर्स का चुनाव करने के बाद आपको यह देखना चाहिए की आपके कोर्स की पढाई  किस यूनिवर्सिटी में उपलब्ध है और यूनिवर्सिटी की अपनी क्या विशेषता  है कई बार एजेंट  यूनिवर्सिटी से ज्यादा  कमीशन हासिल करने के चक्कर में आपको ऐसे यूनिवर्सिटी की सलाह देते है, जो अपनी  विशेषता से कम होती है और ऐसे  में ऐसी यूनिवर्सिटी बंद होने का खतरा रहता है| बल्कि आपको खुद इन्टरनेट पर यूनिवर्सिटी के बारे में जांच  करनी चाहिए|

5 देश, कोर्स और यूनिवर्सिटी के  चुनाव के बाद आपको कोर्स की फीस के बारे में पूरा धयान रखना चाहिए| अक्सर देखने में आता है, की विधार्थी घर से पहले `सेमेस्टर  के कोर्स की फीस वह बंदोबस्त कर लेते हैं | और उनकी सोच यह होती हैं कि बाकी कोर्स कि फीस वह विदेश मे काम करके देंगे पर विद्यार्थिओ को विदेश में कानूनी तौर पर 20 घंटे काम करने कि इजाज़त होती हैं , और 20 घंटे काम करके फीस निकालनी मुश्किल होती हैं, इस्सिलिये विद्यार्थी भविष्य कि फीस को लेकर पूरी तयारी के साथ विदेश जाए|

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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