एलर्जी हमारे दैनिक जीवन में भ्रमण करते हुए हमारे आसपास के माहौल वातावरण से कई कारणों से हो सकती है जैसे पेड़ पौधे, धूल मिट्टी, पालतू जानवर, दवाएं एक खाने-पीने की वस्तुए इत्यादि से।
एक परिवार के 1 सदस्य महिला, पुरुष, बच्चों या वृद्ध को विभिन्न वस्तुओं से एलर्जी हो सकती है। कुछ को फूलों को छूने से एलर्जी हो सकती हैं।
दूध, दही, मांस, मछली का सेवन करने से भी एलर्जी हो सकती है।
पॉलिथीन एवं नायलॉन के साथ भी एलर्जी हो सकती है।
सौंदर्य प्रसाधनो के प्रयोग से भी एलर्जी हो सकती है।
इसके अतिरिक्त कोबाल्ट, निकक्ल इत्यादि जैसे रसायनो से भी एलर्जी हो जाती है।
कई प्रकार की एलर्जी का इलाज दवाइओं से हो सकता है।खून की जांच करने पर एलर्जी किस प्रकार की है, यह पता लग जाता है एवं उसके अनुरूप दवा देने से एलर्जी का इलाज संभव है।
एलर्जी के लक्षण
शरीर पर खुजली
चमड़ी का लाल होना
लाल दाने होना
शरीर के दानों वाली जगह पर सूजन होना
एलर्जी होने से एगिज्मा नाम की बीमारी भी हो सकती है, जिससे जोर से खारिश होना जा उस जगह पर पानी का रिसाव होने लगता है।
छीको का आना
नाक बंद होना
जुकाम होना
गले में तेज जलन होना
पेट दर्द होना
चेहरा, आंखों में सूजन
जी मिचलाना एवं डायरिया
खाने में तकलीफ।
एलर्जी के कारण
कुछ लोगों को अस्थमा नाम की बीमारी हो सकती है।इस स्थिति में रोगी को सांस लेने में परेशानी आती है।पेट में सूजन होना और जलन होता है।
एलर्जी की पहचान समय पर हो जाए तो इसका इलाज संभव है।हमें कई बार यह भी पता नहीं होता कि जो हमारे घरेलू पालतू जानवर हैं जिससे हम अपने पास बिठाकर खिलाते हैं वह भी एक एलर्जी का कारण हो सकते हैं।इस बारे में भी हमें इन पैसों से सही जानकारी मिल सकती है।अगर सही समय पर इसके टेस्ट करवा लिया जाए तो इसका इलाज जल्दी से शुरू हो जाता है। जब यह पता चल जाए कि किसी चीज से एलर्जी हो रही है तो उस चीज का इस्तेमाल मत करें।