आज से जुड़ा प्रेरक प्रसंग —
गुरु गोविंद सिंह जी उनके दो पुत्र बाबा जोरावर सिंह , बाबा फ़तेह सिंह जी और दीवान टोडरमल !!
*मित्रों……क्या आप जानते हैं कि *विश्व में आज तक की सबसे महंगी ज़मीन कहाँ पर बिकी है..?*
*लंदन में..??पैरिस में..??न्यूयॉर्क में…. ??*
नहीं…..नही
विश्व में आज तक यदि किसी एक भूमि के टुकड़े का सबसे अधिक दाम चुकाया गया तो वह है हमारे भारत में पंजाब स्थित सरहिन्द में ….
और विश्व की इस सबसे महंगी भूमि को ख़रीदने वाले महान व्यक्ति थे दीवान टोडरमल????
गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे- पुत्रो बाबा फ़तेह सिंह और बाबा ज़ोरावर सिंह की शहादत की दास्तान शायद आप सबने कभी ना कभी कहीं ना कहीं से जरूर सुनी होगी……
यहीं पर मुग़लों के तत्कालीन फ़ौजदार वज़ीर खान ने दोनो पुत्रो को जीवित ही दीवार में चिनवा दिया था.
दीवान टोडर मल जो कि इस क्षेत्र के एक धार्मिक प्रवृत्ति के धनी व्यक्ति थे । उनकी गुरु गोविंद सिंह जी एवं उनके परिवार के प्रति अगाध श्रद्धा थी उनके लिए वे अपना सब कुछ बलिदान करने को तैयार थे। उन्होंने वज़ीर खान से साहिबज़ादों के पार्थिव शरीर की माँग की और वह भूमि जहाँ वह शहीद हुए थे वहीं पर उनकी अंत्येष्टि करने की इच्छा प्रकट की ….
वज़ीर खान ने धृष्टता दिखाते हुए भूमि देने के लिए एक अटपटी और अनुचित माँग रखी….
वज़ीर खान ने माँग रखी कि इस भूमि पर सोने की मोहरें बिछाने पर जितनी मोहरें आएँगी वही इस भूमि का दाम होगा…….
दीवान टोडर मल के अपने सब भंडार ख़ाली करके जब मोहरें भूमि पर बिछानी शुरू कीं तो वज़ीर खान ने धृष्टता की पराकाष्ठा पार करते हुए कहा कि मोहरें बिछा कर नहीं बल्कि खड़ी करके रखी जाएँगी ताकि अधिक से अधिक मोहरें वसूली जा सकें………..
ख़ैर…..
दीवान टोडर माल ने अपना सब कुछ बेच- कर और मोहरें इकट्ठी कीं और 78000 सोने की मोहरें देकर चार गज़ भूमि को ख़रीदा ताकि गुरु जी के साहिबज़ादों का अंतिम संस्कार वहाँ किया जा सके……
विश्व के इतिहास में ना तो ऐसे त्याग की कहीं कोई और मिसाल मिलती है ना ही कहीं पर किसी भूमि के टुकड़े का इतना भारी मूल्य कहीं और आज तक चुकाया गया.
जब बाद में गुरु गोविन्द सिंह जी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने दीवान टोडर मल से कृतज्ञता प्रकट की और उनसे कहा की वे उनके त्याग से बहुत प्रभावित हैं और उनसे इस त्याग के बदले में कुछ माँगने को कहा.
ज़रा सोचिए दीवान टोडर मल ने क्या माँगा होगा गुरु जी से ????
दीवान जी ने गुरु जी से जो माँगा उसकी आज कल्पना करना भी असम्भव है !
दीवान टोडर मल जी ने गुरु जी से कहा की यदि कुछ देना ही चाहते हैं तो कुछ ऐसा वर दीजिए की मेरे घर पर कोई पुत्र ना जन्म ले और मेरी वंशावली यहीं मेरे साथ ही समाप्त हो जाए…
इस अप्रत्याशित माँग पर गुरु जी सहित सब लोग हक्के-बक्के रह गए…..
गुरु जी ने दीवान जी से इस अद्भुत माँग का कारण पूछा तो दीवान जी का उत्तर ऐसा था जो रोंगटे खड़े कर दे.
दीवान टोडर मल ने उत्तर दिया कि “गुरु जी, यह जो भूमि इतना महंगा दाम देकर ख़रीदी गयी और आपके चरणों में न्योछावर की गयी मैं नहीं चाहता की कल को मेरे वंश आने वाली नस्लों में से कोई कहे की यह भूमि मेरे पुरखों ने ख़रीदी थी.”????????????????