मोटापा कम करने के लिए डाइटिंग करना ज्यादा आवश्क नही है | ये सब करने के लिए डाक्टरों की सलाह ले लेनी चाहिए और पोष्टिक खाद पदार्थो की सूचि तैयार कर लेनी चाहिए | डाक्टरों की निगरानी में डाइटिंग करिये | कम कैलोरी वाला भोजन करना चाहिए | भोजन हमेशा चबा चबा कर आराम से खाना चाहिए | रोजाना कसरत करने से मोटापा घटाया जा सकता है | लिफ्ट की जगह से सीडियों का इस्तमाल कीजिये |
20 साल के बाद लड़कों और 18 साल के बाद लड़कियों का वजन पांच किलो से ज्यादा नहीं बढ़ना चाहिए।” अग्रवाल ने कहा, “पेट का मोटापा रिफाइंड कार्बोहाईड्रेट्स के सेवन से जुड़ा हुआ है न कि मांस से प्राप्त चर्बी से। सामान्य मोटापा मांस की चर्बी से होता है। सफेद चावल, मैदा और चीनी रिफाइंड कार्बोहाईड्रेट्स में आते हैं। भूरी चीनी, सफेद चीनी से बेहतर है।”
उन्होंने बताया कि, “रिफाइंड कार्बोहाईड्रेट्स बुरे काबोर्हाईड्रेट्स होते हैं और मांस की चर्बी बुरी चर्बी होती है। ट्रांस फैट और वनस्पति घी सेहत के लिए बुरा होता है। ट्रांस फैट बुरे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है और अच्छे को कम करता है। वजन कम होने से खर्राटे कम होते हैं, आर्थराइटिस का दर्द कम होता है,