पंजाब सरकार की माली हालत कैसी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकारी कर्मचारियों को एक बार फिर वेतन के लाले पड़े हुए हैं कई विभागों में तो हालत ऐसी है कि पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक वेतन नहीं मिला है जबकि अन्य विभागों में 3 से लेकर 4 माह के वेतन का कर्मचारियों इंतजार है ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की गठबंधन सरकार में भी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला था सरकार ने कर्मचारियों के शोर मचाने पर जैसे-जैसे जुगाड़ बाजी करके दिया था तत्कालीन सरकार ने केंद्र से आने वाले फोन पर लगने वाले ब्याज को सरकारी खजाने में डलवा कर अपना काम चलाया था परंतु वर्तमान सरकार में वेतन मिलने के फिलहाल आसार नजर नहीं आ रहे हैं जब भी कर्मचारी वेतन के लिए सड़कों पर उतरते हैं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं तो एक ही रटा रटाया जवाब मिलता है लेकिन सहयोग नहीं कर रहा है केंद्र सरकार को उसके हिस्से का जीएसटी पर नहीं दे रहे हैं जिससे एसिडिटी हो रही है सरकार के ऐसे भी खड़ा होता है कि केंद्र सरकार राज्य को सहयोग नहीं कर रही है तो फिर वह अपने खर्चे पर लगाम क्यों नहीं लगा रही हालांकि सरकार ने खर्चे कम करने की बात कही थी लेकिन धरातल पर कोई ठोस कदम उठाए नजर नहीं आते जब कहीं हैं सरकार की कामकाज कर्मचारी की जन जन तक पहुंचाते हैं और यदि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलेगा तो वह काम भी नहीं करेंगे और लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी बहुत सारे कर्मचारी अपने घरों से दूर दूसरे जिलो में जाकर किराए पर कमरे लेकर परिवार सहित रह रहे हैं और उनके घर के किराए और बच्चों की फीस समेत तमाम खर्च है एक भी देरी से ये तन मिले तो उनकी पूरी समस्या हो जाती हैं सरकार को चाहिए कि वह सरकारी कामकाज को चारों रुप से चलाने के लिए कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से वेतन मुहैया करवाएं