टिप्स : काली मिर्च से होने वाले फायदे
काली मिर्च का प्रयोग खाने के स्वाद बढ़ाने के लिए हर रसोई में किया जाता है।यह एक ऐसा मसाला है जो पेट में विभिन्न अलसरों,हृदय रोग, कैंसर, आर्थराइटिस डिप्रेशन डायरिया दांत दर्द तथा नपुंसकता से हमारा बचाव करता है।यह विटामिन के का शानदार स्रोत है।इसमें आयरन,जिंक,कॉपर,क्रोमियम,केल्सियम तथा डाइटरी फाइबर भी पाए जाते हैं।यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो एंटी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ता है और फ्री रेडिकल्स को हमसे दूर रखता है।यहां पेश है काली मिर्च से कुछ स्वास्थ्य लाभ:
पेट के अल्सर में लाभदायक:- काली मिर्च सूजन के स्तर को घटाती है और इस गैस्ट्रिक एसिड के सत्रव में बाधा डालती है जो पेट की अंदरूनी लाइनिंग को खुरचता है।यह इसी तरह काम करता है जैसे पेट के अल्सर के इलाज के लिए ड्रग्स करती है और यह पेट के अल्सर के दर्द से भी राहत देती है पेट के अल्सर के रोगियों को ब्लड डाइट का सेवन करना चाहिए ।
आर्थराइटिस के दर्द से राहत:-काली मिर्च में मोजूद पिपेराइन में आर्थराइटिस विरोधी तथा एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं तथा पोलिफिनोक्स के चलते काली मिर्च स्वास्थ्य कोशिकाओं की रक्षा करती है और कैंसर कारक कोशिकाओं को मारकर ट्यूमर के विकास में बाधा पैदा करती है।
प्रजनन शक्ति बढ़ाती है: मैग्नीशियम तथा जिंक से भरपूर काली मिर्च पुरुषो में प्रजनन शक्ति बढ़ाने में सहायक है।ऐसा यह टेस्टोंस्तिरों के स्तर को बढ़ाकर करती है।यह सपर्म काउंट (शुक्राणुओं की संख्या) को बढ़ाती है।जिक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है तथा प्रजनन क्षमता को सुधार लाता है।
पाचन शक्ति में वृद्धि:- काली मिर्च आतडियो में मौजूद पाचक एंजाइम स्कोर गतिशील करती है इसमें मौजूद पाचक लीवर को उत्तेजित कर के पाचक रस छोड़ने हेतु बाध्य करती है जिससे पाचन शक्ति में सहायता मिलती है।अपने रोजाना भोजन में सफेद काली मिर्च को शामिल करें।
अवसाद का मुकाबला:- काली मिर्च में मौजूद पिपेराइन शरीर में हैप्पी हार्मोन को रिलीज को बढ़ाती हैं जो अवसाद से बचाते हैं।यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के स्तर को कम करते हैं।यह दिमाग में इस स्ट्रेस के उच्च स्तर को कम कर के दिमाग की कोशिकाओं के नुकसान से बचाव करते हैं।यह दिमाग की गतिविधि में सुधार लाते हैं।सफेद मिर्च में कैपसाइसिस होता है जो आर्थराइटिस के दर्द में लाभदायक होता है।इसमें एंटीइफमेंट्री गुण होते हैं इसलिए सफेद मिर्च का प्रयोग मांसपेशियों के दर्द तथा सूजन के इलाज में किया जाता है।यदि आपको भी जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों की सूजन तथा आर्थराइटिस की शिकायत है तो चुटकी भर सफेद मिर्च को अपने भोजन में शामिल करें।
उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण:-काली मिर्च उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक होती है।इसमें मौजूद पर पिपेराइन कैल्शियम को रक्त वाहिनियों में प्रविष्ट होने से रोकता है और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को नरम बनाना यकीनी नहीं बनाता है।यह हाइपरटेंशन के रोगियों के लिए लाभदायक है।नमक की मात्रा कम कर के काली मिर्च का प्रयोग खाने में करें।
दांत दर्द में लाभदायक: काली मिर्च में मजबूत एंटीबैक्टीरियल तत्व दांतों की सड़न के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को मारते हैं और दांत के खनिजिय टिश्यू को नष्ट होनेको रोकते हैं।यह मुंह के छालों,दांत दर्द तथा दांत की सड़न के इलाज में भी सहायक हैं।नमक तथा काली मिर्च की एक समान मात्रा लेकर उसमें पानी मिलाकर एक पेस्ट बनाएं।इससे प्रभावित दांत पर लगा कर 10:15 मिनट के लिए छोड़ दें।
कैंसर में सहायक: पिपेराइन में मौजूद अल्कलोएड्स टरपीनस ही प्रभावी हैं और ड्रग की तरह इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता।