डायबिटीज से बचाने वाले सुपर फूड

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डायबिटीज से बचाने वाले सुपर फूड
डायबिटीज से बचाने वाले सुपर फूड

डायबिटीज से बचाने वाले सुपर फूड अपनी जीवन शैली तथा डाइट में कुछ परिवर्तन करके टाइप टू डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है इंग्लैंड में हुए एक अध्ययन के अनुसार डायबिटीज 4 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है जिनमें वे लोग भी शामिल है जिनकी उम्र 25 वर्ष से कम है इसके सामान्य खतरे के कार्यों में वजन बढ़ना ब्लड प्रेशर बढ़ना कोलेस्ट्रॉल बहना तथा ट्राएंगल इंसाइड के स्तर में बढ़ोतरी होना शामिल है इस स्थिति का सीधा संबंध मोटापे से है और इसके कारण बच्चों में आक्रामक व्यवहार अधिक दिखा जाता है डायबिटीज और खाद डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए स्ट्रौबरी का सेवन करना बहुत बढ़िया रहता है इस साल में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी मजबूत होता है जो टाइप टू डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक होता है वास्तव में आमतौर पर इस फल का सेवन तथा अपनी 5 दिन की आम जिंदगी के उद्देश्यों को पूरा करना अधिक महत्वपूर्ण है ऐसा लगता है कि स्ट्रौबरी में मौजूद शुगर से आपको इस समस्या का अधिक सामना करना पड़ सकता है परंतु इस फल में शुगर प्राकृतिक रूप में मौजूद होती है जो शुगर समस्या का रूप ले सकती है वे शुगर युक्त पेय पदार्थ चॉकलेट्स तथा एक शादी में पाई जाती है स्टोरी का एक आप हमें विटामिन सी की सजाई गई मात्रा का 160% उपलब्ध करवाता है सुपर फाइल तथा सब्जियां इन में अंगूर बेल फल अनानास तथा आडू आदित्य शामिल है फ्रूट जूस की बजाए साबित फलों के सेवन को अधिमान दें क्योंकि जी आपके लिए बहुत बढ़िया रहती हैं पालक भी एक बढ़िया खाद है जिसका सेवन किया जा सकता है क्योंकि यह पोटेशियम का बढ़िया स्रोत है पोटेशियम के कारण टाइप 2 के डायबिटीज का खतरा कम होता है यदि आपको आसान लगे तो आप पालक के जूस का सेवन भी कर सकते हैं क्या है तू टाइप डायबिटीज टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटो अमोनियम रोग है जिसका संबंध अधिक वजन जान क्षय होने से नहीं है टाइप टू डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में शुगर तथा ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है इसका कारण शरीर में मौजूद इंसुलिन नामक रसायनों से जुड़ी समस्याएं होती है टाइप टू डायबिटीज के लक्षणों में अधिकतर थकान दृष्टि का धुंधलापन अधिक पेशाब करने की जरूरत तथा अधिकता शामिल है टाइप टू डायबिटीज में आंखों से संबंधित गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है तथा संतुलित भोजन के सेवन से इसके लक्षणों को कम करने में सहायता मिलती है इसके साथ ही नियमित तौर पर कसरत करना तथा ब्लड टेस्ट करवाने से भी काफी सहायता मिल सकती है ब्लड टेस्ट में ब्लड शुगर लेवल की जांच शामिल है

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