कहानी :- सच हुआ सपना

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सच हुआ सपना
सच हुआ सपना

कहानी :-सच हुआ सपना

बाबुषा का दिल आज कहीं नहीं लग रहा था। स्कूल में उसकी प्रिय गायिका सिमता आई थी।उसके गाने उसे ना केवल पसंद थे,बल्कि वह उनके गाने बहुत मन लगाकर गाती थी।टीचर भी बाभूषा के गाने के फैन थे। सभी कहते कि उसके गले में सरस्वती का वास है,लेकिन उसके घर वाले संगीत और कला को बेकार का काम समझते थे। बाभूषा को हर समय वे गणित या विज्ञान पढ़ने के लिए कहते रहते। वे ऐसा मानते की गणित या विज्ञान में करियर है संगीत तो बेकार है संगीत से क्या मिल जाएगा।उसके साथ ज्यादातर बच्चों ने भी पहले से कह कर लिया था कि किसे क्या बनना है। सब ने अपने लिए डॉक्टरी,इंजीनियरिंग या आइएएस का ख्वाब बुनना शुरू कर दिया था। उन सबके बीच अकेली बाबुषा गायीका या चित्रकार बनने के सपने देख रही थी। वह चित्र भी बहुत अच्छा बना लेती थी।लेकिन उसके लिए गाने का आनंद तो अलग ही था सुध-बुध खोकर गाने का सुख वह समझने लगी थी।
पढ़ाई के साथ साथ वह गाने का रियाज करना चाहती थी,गाने सुनना चाहती थी,पर पापा उसे TV पर कोई भी रियाल्टी शो नहीं देखने देते थे। उनके हिसाब से रियाल्टी शो ने ही आजकल बच्चों को पढ़ाई से दूर कर दिया है।
बाबुषा को लगता था कि उसकी मां तो उसकी बात समझ सकती है, लेकिन माँ तो पापा की हा में हां मिलाते हुए उसे बार-बार गणित विज्ञान जैसे करियर वाले विषयों की तरफ धकेलती थी।उसकी तकलीफ कोई नहीं समझ पा रहा था।
एक दिन अचानक उसकी प्रिये सिंगर सिमता का स्कूल में आने का प्रोग्राम बना।उसे भी उसके साथ गाने का अफसर मिल रहा था। उन दोनों ने अच्छी युगलबंदी में कई गीत गा दिये। सिंगर सिमता,बाबुषा से बहुत खुश थी और उन्होंने प्रिंसिपल मैडम से भी बाबुषा की बहुत तारीफ की,” मैम यह प्रतिभाशाली बच्ची किसी भी ट्रेनिंग के बिना इतना अच्छा गा लेती है, तो अगरजल्दी इसे कोई गुरु मिल जाए तो ना जाने यह कहां तक पहुंच जाएगी, आप सही कह रहे हैं। बाबुषा हमने बाबुषा के मां पापा से कई बार बात की, लेकिन वे लोग इसे आगे साईंस ही पढ़ाना चाहते हैं। परिवार साथ ना दे तो मंजिल पाने में बहुत मुश्किलें आती है। सिमता ने भारी मन से कहा। बाबुषा बाहर बैठकर सब सुन रही थी दुख से उसकी आंखों में आंसू आ गए एक दिन सुबह बाबुषा जागी तो उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ उसके मां पापा को तो यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी बड़ी सिंगर उनके घर आ रही है। सिमता जी ने बिना लाग लपेट के बाबुषा की मां और पापा से बातकी। बिना ऊंची आवाज के और बिना आपा खोय उन्होंने बाभूषा की मां और पापा से बस एक ही बात पूछी कि आप नहीं चाहते कि बच्चे उड़ान भरे? मां और पापा सिमता के सामने चुप खड़े थे सिमता जी ने सवाल किया,यदि बच्ची डिप्रेशन में आकर कुछ ना बन पाई?तो उन्होंने कहा,”अब आप चमत्कार देखने सभी कहते कि उसके गले में सरस्वती का वास है लेकिन उसके घर वाले संगीत और कल आपको विकार का काम समय थी प्रभु शा को हाशमी वे गणित यहां विज्ञान करने के लिए कहते रहते वैसा मानते कि गणेशा विज्ञान में कार्य है संगीत वेयर आर है संगीत से क्या मिल जाएगा उसके साथी ज्यादातर बच्चों ने भी पहले से तह कर लिया था कि इसे क्या वरना है सब ने अपनी लीडर इंजीनियरिंग जायस का खाना शुरु कर दिया था उन सबकी बीच की लीवर पूछा गायिका जा चित्रकार बनने के सपने देख रही थी वह चित्र भी बहुत अच्छा बना लेती थी लेकिन उसके लिए गाने का आनंद तो अलग ही था शुद्ध बुद्ध खो कर गाने का शुक्र समझने लगी थी पढ़ाई के साथ साथ वह गाने का रियाज करना चाहती थी गाने सुनना चाहती थी पर पापा उसे रिवर कोई भी रियायती शो नहीं देखने देते थे उनके हिसाब से रियल्टी सोने की आज कल बच्चों को पढ़ाई से दूर कर दिया है भूसा को लगता था कि उसकी मां तो उसकी बात समझ सकती है लेकिन मां तो वफा की हां में हां मिलाती हुए उसे बाबा गणित जान विज्ञान जेसिका रियल वाले विषयों की तरफ से कीर्ति उसकी तकलीफ कोई नहीं समझ पा रहा था एक दिन अचानक उसकी रेसिंग सीमित आकार स्कूल में आने का प्रोग्राम बना उसे भी उसके साथ गाने का सर मिल रहा था उन दोनों ने अच्छी जुगलबंदी में कई गीत राधे चिंता सिंह बाभूषा से बहुत खुश थी और उन्होंने प्रिंसिपल मैडम से दिशा की बहुत रिस्की मैम यह प्रतिभाशाली बच्ची किसी किसी भी ट्रेनिंग के बिना इतना अच्छा गा लेती है तो यदि इसे कोई भुरु मिल जाए तो ना जाने ये कहां तक पहुंच जाएगी आप सही कह रहे हैं मैंने कहा हम निरहुआ के मां बाप से कई बार बात की लेकिन वी लोग इसे आगे साईं सी पढ़ाना चाहते हैं पर वार साथ ना दे तो मंजिल पाने में बहुत मुश्किलें आती है सिमता ने भारी मन से कहा
बाबुषा बाहर बैठकर यह सबसुन रही थी। दुख से उसकी आंखों में आंसू आ गए।एक दिन सुबह बाभूषा जागी, तो उसे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ कि इतनी बड़ी सिंगर उनके घर आ रही है। सिमता जी ने बिना लाग लपेट के बाभूषा की मां और पापा से बात की।बिना ऊंची आवाज के और बिना आपा खोए।उन्होंने बाभूषा की मां और पापा से बस एक ही बात पूछी की क्या आप नहीं चाहते की बच्ची अपनी उड़ान भरे? मां और पापा सिमता के सामने चुप खड़े थे। सिमता जी ने सवाल किया,”यदि बच्ची डिप्रेशन में आकर कुछ ना बन पाई तो?’ उन्होंने कहा,” अब आप चमत्कार देखने के लिए तैयार हो जाइए… बाभूषा की गायकी का वीडियो बनाकर यू-ट्यूब पर डाला गया था उसकी आवाज का जादू छा गया और उस के गाए गानों को लाखों हिट्स मिले। स्कूल में भी उस के गानों की इतनी Dhoom हो गई कि वह अपने स्कूल की सेलब्रिटी बन गई।अब मां पापा को सारी बात समझ आ गई और बाभूषा को मिल गई अपने कैरियर के बारे में सोचने और कैरियर चुनने की आजादी।

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