केसे स्मार्ट फोन बच्चों को बना रहे हैं जिद्दी
हर हाथ पहुंच चुके स्मार्टफोन ने अब आप सी दूरियां कम की हैं यही बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन उन्हें जिद्दी बहुत इज्जत बना रहा है इस बात की जानकारी जालंधर अकादमी और बेटी और टैक्स की ओर से आयोजित सेमिनार में सरकारी अस्पताल सेक्टर 32 चंडीगढ़ से आए डॉक्टर ज्योति मिश्रा ने दी उन्होंने बताया कि छोटी उम्र में ही बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन देने से अभिभावक भले ही कुछ अलग सा महसूस करते हैं परंतु बच्चों में अकेलापन में तनाव का स्तर बढ़ा रहा है बच्चे खेल के मैदान से दूर होकर कमरे की चारदीवारी में रहकर स्मार्टफोन पर गेम्स फिल्में देखने तक सीमित रह गए हैं इसके इलावा संयुक्त परिवारों से बढ़ रही दूरी और छोटे बच्चों में अकेलापन बढ़ा रहे हैं इस क्लास से जुड़े विभाग को गुस्से से भरा रवैया भी बच्चों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है इन कारणों से बच्चे मानसिक तनाव के कारण जिद्दी हो रहे हैं बच्चे अकेलेपन और तनाव से निकलने के लिए बुरी संगत का सहारा लेने लगते हैं किशोरावस्था में तनाव से ग्रस्त बच्चों की दर 16 से 18 दिन तक पहुंच गई है 5:00 10 साल की आयु के बच्चों में तनाव जिद्दी रेगुलर 20 फ़ीसदी है कि अपने बच्चों की समस्याओं का समाधान करने के लिए करने के लिए सबसे पहले अभिभावकों को घर का माहौल खुशनुमा बनाने की जरूरत है बच्चों के साथ दोस्ताना संबंध रखें बच्चों को स्मार्टफोन की दुनिया से निकालकर खेल के मैदान में भेजें ताकि उनकी आंखों में बदलाव कर उन्हें व्यस्त रखा जा सके उन्हें बचपन से ही मैडिटेशन करने की आदत डालें