गीतम सो कर उठी। उस समय बाहर बारिश हो रही थी। इस तरह का मौसम उसे बहुत पसंद है ।बारिश की बूंदों के साथ पानी में छपाक छई करना तो उसे खूब भाता है। वह उठकर नीचे कमरे में जाने लगी तो उसने अपना फोन भी उठा लिया। उसने दोस्तों वाला WhatsApp ग्रुप खोला, तो देखा कि सुबह सवेरे ही उस पर अनेक मैसेज आए हुए थे। उसने सबको बिना पढ़े ही टाइप कर दिया –फिलिंग रेनी” जवाब मैं धड़ाधड़ मैसेज आने लगे -उसने उन पर भी गौर नहीं किया ।वह तो रिमझिम बरसात का लुफ्त उठाना चाहती थी। तभी उसे ध्यान आया कि वह ब्रश करके तो आई ही नहीं। वह भागी और ब्रश करने से पहले एक दम से मम्मी से टकरा गई।‘सॉरी मॉम सॉरी, ‘मगर इतनी तेजी से तुम जा कहां रही हो ?मम्मी ने उसे रोकते हुए पूछा। वे थोड़ी गंभीर दिख रही थी ।चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ साफ दिखाई दे रही थी। गीतम ने कहा –‘बीआरबी….’ हे…. यह क्या….? क्या कहा तुमने… क्या मतलब है इसका ?’ पीछे से मम्मी ने आवाज लगाई।‘आप कूल मोम नहीं हो… बी राइट बैक….’ ‘यह कौन- सी भाषा है? क्या तुम कभी पूरी बात नहीं कह सकती हो…? लगता है पूरा वाक्य बोलना तो एकदम भूल गई हो… । मम्मी ने माथा ठोका। यह लड़की हर समय शॉर्ट मैं ही बातें करती है। इसमें उसे खूब मजा आता है ।जब पूछो कि इस बात का फुल फॉर्म क्या है, तो वह उसे पिछड़ा घोषित कर देती है। मम्मी ने अपने- आप से कहा। एक बार तो हद ही हो गई, जब उसने मम्मी को उन्हीं के शब्दों से निरुत्तर कर दिया। मम्मी की आदत है, हर बात में ओके ओके बोलने की। गीतम ने उनसे पूछ लिया- आपको के शब्द बहुत प्रयोग करते हैं ।इसका क्या मतलब होता है, जानते हैं आप? पूरा वाक्य बोलिए ना….’ पूरा वाक्य… मतलब….’ मतलब यह कि पूरा वाक्य है…. और करेक्ट। गीतम ने फिर बम फोड़ा- आप रोज स्कूल भेजते समय हमें बाय-बाय बोलती है ना… पूरा वाक्य बोलिए ना…. बाय…..-बाय यह बी, वाई,ई से मिलकर बना है ,यानी बी विद यू फॉर एवरी टाइम ।अब गश खाकर गिरने की बारी मम्मी की थी। उन्होंने हाथ जोड़ लिए । मम्मी सोच में पड़ गई ।जिस तरह की भाषा की तरफ गीतम बढ़ रही है, वह सही नहीं है। इसका असर बहुत नेगेटिव होगा। मम्मी की मनोदशा देखकर गीतम को अपने टीचर की याद आ गई। उसका कहना था कि ऐसी ही भाषा वह अपने होमवर्क में भी लिखने लगी है। अगले दिन सबको गीतम के रिजल्ट का इंतजार था ।जब वह स्कूल से वापस लौटी, तो बस स्टॉप पर हल्पेर और मम्मी दोनों खड़े थे। वह घर तक पहुंचने से पहले ही सारे पेपर देख लेना चाहती थी,क्योंकि पेपर्स के परिणाम ही गीतम के सिंगापुर टूर के सपने पुरे कर सकते थे।सभी विषय में अच्छे मार्क्स देखकर मम्मी खुश होती जा रही थी। घर के दरवाजे तक पहुंचकर इंग्लिश के पेपर पर उनकी नजर पड़ी, तो बाहर रखी कुर्सी पर दम से बैठ गई। बहुत खराब मार्क्स थे । साथ में एक छोटा सा नोट्स भी लिखा था ।इम्तिहान के पेपर को मॉम ने पढ़ा। जहां-जहां लंबे वाक्य लिखने थे, निबंध और लेटर लिखना था ,वहां गीतम ने शोर्ट वाक्य लिखे। वैसे ही वाक्य जैसे वह दिनभर बोलती रहती है या मैसेज करती है या फिर दोस्तों से चैट करती है। इसके अलावा भी कई भाषाएं गड़बड़ियां थी इसलिए टीचर का कड़ा नोट साथ में मिला। मॉम को स्कूल बुलाया गया था। गीतम के ख्वाब टूट कर बिखर गए। उसे पहली बार एहसास हुआ कि उसने कहा गलती कर दी। मन ही मन वह एक संकल्प ले रही थी कि अब वह कभी ना शॉर्ट में नही लिखेगी और ना बोलेगी। बोलचाल के दौरान जिस भाषा का हम प्रयोग करते हैं, लिखने में नहीं कर सकते है ।