आबादी का बढ़ना
दुनिया के अमीर देशों में भारत का नाम भी आता है।यहां पर सब करोड़पतियों की गिनती लगातार बढ़ती जा रही है।हमारी अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ रही है पर देश की दूसरी तस्वीर चिंताजनक और शर्मनाक है क्योंकि यहां 25 फ़ीसदी लोग अभी भी झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं।20 फ़ीसदी नर्क भरी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।इसका एक बड़ा कारण आबादी का बढ़ना है।गांव शहरों में बढ़ती भीड़ कूड़े करकट के ढेर और प्रदूषण का शिकार हो रही है।दुनिया में भुखमरी के शिकार सबसे ज्यादा लोग भारत में रहते हैं। कुपोषण से मरने वाले बच्चों की गिनती भी बढ़ रही है।सबसे बढ़कर आर्थिक संकट भी भारत में है। लगभग 19 करोड लोग भुखमरी का शिकार हैं।सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 60 करोड लोग सिर्फ 1000 प्रति महीना कमाई से गुजारा कर रहे हैं।देश के एक सूबे में लोग इतने मजबूर हैं कि उनको घास की रोटी खाने के लिए मजबूर होना पड़ा।इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया में काफी समय से चर्चा का विषय बना।बेहद गरीबी के कारण बच्चों को बेचने तक की खबरें भी आ रही हैं।देहाती क्षेत्रों में सेहत सुविधाए की काफी बड़ी कमी है।कई इलाकों में बिना इलाज के लोग मर रहे हैं।बेरोजगारी की स्थिति लगातार भयानक होती जा रही है।देश के एक कस्बे में पिछले सप्ताह चपरासी की 300 पोस्ट के लिए 22लाख उम्मीदवारों ने अरजिया भेजी।इनमें बी ए और ऍम ए पास नौजवान शामिल थे।बेरोजगार की बढ़ती गिनती से नौजवान अपराधिक स्थिति पैदा होने का एक बड़ा कारण है।एक अंदाजे के मुताबिक देश में हर साल लगभग 80लाख नौजवान नौकरी हासिल करने वाले होते हैं पर मुश्किल से 40 लाख नौजवान को ही नौकरी मिलती है।केंद्र और राज्य सरकार को इस भयानक मुद्दे को गंभीरता से लेना पड़ेगा और कौमी सहमति बनाकर किसी भी ढंग से आबादी पर रोक लगानी पड़ेगी।अगर भारत आज भी इस विषय पर चुप रहा तो हमें बर्बादी के लिए तैयार रहना पड़ेगा।आओ हम भी सचेत बने।100 Discounted Mobiles