संतुलन बनाकर चलें
अगर निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव चल रहे है, तो उसका असर आपकी प्रोफेशनल लाइफ पर पड़ना तय है।ऑफिस के तनाव के कारण परिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है, जिसकी वजह से लोग स्ट्रेस में रहते हैं। हालाकि पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग कर पाना मुश्किल है।ऐसे में दिमागी स्कून चाहते हैं तो इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।
शेयर करें अपना वर्क प्रेशर
प्रोफेशनल लाइफ में हमेशा एक जैसे हालात नहीं होते हैं।वर्क प्रेशर के कारण उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।कई बार नींद ना पूरी होना, काम का प्रेशर, कलीग्स का व्यवहार भी तनावग्रस्त बना देता है।व्यक्तिगत जीवन में ऐसी छोटी-छोटी चुनौतियों का सामना सभी को करना पड़ता है।
क्या करें: तनाव मुक्त रहने के लिए परिजनों और करीबी दोस्तों के साथ अपने काम से जुड़ी समस्याएं बाटे।परिवार के लोगों को अपने काम के प्रेशर, वर्क डिमांड और टाइमिंग के बारे में बताएं।अगर उन्हें इन सबकी जानकारी होगी तो वे आपको ऑफिस टाइम में या मीटिंग के समय फोन नहीं करेंगे और घर लौटने के बाद भी वे आपसे आनावश्यक अपेक्षाएं नहीं रखेंगे।
समझे क्या है जरूरी
कभी-कभी लोगों को जीवन में ऐसी परिस्थिति आती है,जब ऑफिस में कामकाज के दौरान उनका ध्यान अपने घर परिवार की ओर चला जाता है,जिससे ऑफिस के कार्य में बाधा पहुंचती है।
क्या करें: सबसे पहले अपनी प्राथमिकता तय करें।अगर घर में कोई ऐसी अकास्मिक समस्या आ गई है, जिसे तुरंत हल करना जरूरी है तो ऑफिस में बैठकर चिंतित होने के बजाय शॉर्ट लीव लेकर घर चले जाएं।अगर ऐसा नहीं है तो रोजमर्रा की छोटी-छोटी समस्याओं की जानकारी के लिए लंच टाइम में घर पर फोन कर ले।इससे आपका कीमती वक्त बर्बाद नहीं होगा और परिवार के साथ भी संपर्क बना रहेगा।
फैमिली टाइम की अहमियत
ऑफिस में आपकी हमेशा यही कोशिश होनी चाहिए कि सुबह जो पूरे दिन का टारगेट तय किया है,उसे हर हाल में पूरा करें।कंप्यूटर शट डाउन करने के बाद काम की टेंशन को भी पूरी तरह भूल जाएं।
क्या करें: घर जाकर अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बताएं।आवश्यक घरेलू कामकाज निपटाए, अगले दिन की तैयारी करें, बच्चों का होमवर्क कराएं।संगीत सुनने TV देखने या अपनी रुचि से जुड़े ऐसे कार्यों के लिए थोड़ा-थोड़ा समय निकालें।अंत में सबसे जरूरी बात, सही समय पर सो जाएं, क्योंकि तनाव मुक्त होकर काम करने के लिए 8 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।