हाजमा रखें दुरुस्त
बेशक बरसात के मौसम में कई खूबियां हैं, लेकिन अगर आप खान-पान में सजगता नहीं बनते तो इस मौसम में आपके हाजमा या पाचन तंत्र पर खराब असर पड़ता है, जिसे कैसे बेअसर किया जाए……
बरसात का मौसम दस्तक दे चुका है।बदलते मौसम के प्रभाव में हमारा शरीर भी प्रभावित होता है।मौसम में बदलाव के साथ शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र (इम्यूनिटी सिस्टम) और पाचन तंत्र में बदलाव होने लगता है।बरसात में पाचन तंत्र से संबंधित कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।इस दौरान लोगों को अपच या बदहजमी से लेकर फूड प्वायजनिंग और डायरिया जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।बरसात में सेहतमंद रहने के लिए आपको विशेष सभ्यताएं बरतनी होगी और इसके लिए यह जानना जरूरी है कि इस मौसम में पाचन तंत्र से संबंधित कौन सी समस्या अधिक होती है और कैसे निपटा जाए…
पचाने की क्षमता में कमी
बरसात में हाजमा या पाचन तंत्र की सक्रियता में कमी आ जाती है।बरसात के पानी और कीचड़ से बचने के लिए लोग घरों में रहना कहीं अधिक पसंद करते हैं।इस कारण शारीरक सक्रियता कम हो जाती है, जो पाचन तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
ऐसे मिलेगी राहत
हल्का और पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें।
चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहे।बारिश के कारण अगर आप टहलने नहीं जा पा रहे हैं या जिम जाने में परेशानी हो रही है। तो घर पर ही वर्क आउट करें।
बदहजमी
बरसात में पाचक एंजाइमो की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। इस कारण खाना ठीक प्रकार से नहीं पचता।इस मौसम में तैलीय, मसालेदार भोजन और चाय व कॉफी का सेवन भी बढ़ जाता है।इससे भी अपच या बदहजमी की समस्या उत्पन्न हो जाती है।नम मौसम में सूक्ष्म जीव अधिक मात्रा में पनपते हैं, इनसे होने वाले संक्रमण से भी बदहजमी की समस्या बढ़ जाती है।
क्या करें
बदहजमी से भारी या गरिष्ठ भोजन ना करें।इस समस्या में डॉक्टर एंटासिड नामक दवाए देते हैं। डॉक्टर से सलाह लिए बगैर कोई दवा किसी के कहने पर ना लें।
डायरिया
यह मर्ज दूषित खाद्य पदार्थों और प्रदूषित जल के सेवन से होता है।वैसे तो यह समस्या किसी को कभी भी हो सकती है, लेकिन बरसात में इन के मामले काफी बढ़ जाते हैं।दस्त लगना इसका सबसे प्रमुख लक्षण है।पेट में दर्द और मरोड़, बुखार, मल में रक्त आना,पेट फूलना जैसे लक्षण भी प्रकट होते हैं।
मिलेगा लाभ
डायरिया होने पर ओआरएस का घोल नारियल पानी पीना भी लाभप्रद है।पर्याप्त मात्रा में पानी पीए, क्योंकि डायरियां में दस्त के जरिए शरीर में पानी काफी मात्रा से बाहर निकल जाता है ऐसी स्थिति में शरीर में पानी की कमी होने का खतरा बढ़ जाता है।ऐसी स्थिति में सुधार ना होने पर डॉक्टर से परामर्श ले।