मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है यह 5 आदते
जब झुक कर चलते हैं
तेज रफ्तार से चलने पर हम ज्यादा सकारात्मक विचारों के साथ चलते हैं।जर्नल ऑफ बिहेवियर थेरेपी और एक्सपेरिमेंटल सायकाईटरी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जब कुछ व्यक्तियो को कंधे झुकाकर,धीमी रफ्तार में चलने के लिए कहा तो मुड ज्यादा खराब पाया गया।कंधे झुका कर चलने पर नकारात्मक बातें मन में आती पाई गई।मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है यह 5 आदते
हर चीज की तस्वीर लेना: कहीं घूमने गए हैं, तो उसकी खूबसूरती को महसूस करना ज्यादा बेहतर है।सायकोलॉजीकल साइंस में प्रकाशित अध्ययन में पाया कि कुछ लोग घूमने के बजाय तस्वीरें खींचने में ज्यादा व्यस्त थे उनसे बाद में उनसे पूछा कि उन्होंने क्या देखा,तो पाया गया कि वह भ्रमण से अधिक वे कैसे दिख रहे थे इस बारे में ज्यादा सोचते रहे।
एक्सरसाइज न करना: लंबी सैर पर ही जाए यह जरूरी नहीं, सीढ़ियों पर चढ़ना या ऐसी कोई भी गतिविधि जो शरीर को सक्रिय करें दिमाग के लिए अच्छी है।जमा सायकाएट्री में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक सप्ताह में 3 दिन क्रियाशील रहने से डिप्रेशन की आशंका 19 फ़ीसदी कम हो जाती है।
कार्य को टालना: अगर कोई काम मिला है और उसे इसलिए नहीं करना चाहते क्योंकि यह उबाऊ है तब तो कोई दिक्कत नहीं है।लेकिन कार्य करने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि असफल होने के डर रहे हैं या फिर इसे पूरा करने में परेशानी होती है या दिमागी रूप से जुड़ी समस्या है।इसे दूर करने के जतन करने चाहिए।
कभी अकेले नहीं रहते: हर समय ऑफिस, परिवार-बच्चे यहां किसी न किसी काम में उलझे रहते हैं तो अकेले कब होते हैं।तनाव से बचने के लिए खुद के लिए भी थोड़ा वक्त निकालना जरूरी है।दिन में 24 घंटे में एक घंटा न सही कम से कम 10 मिनट का समय तो अपने लिए भी दे।खुद को समय ना देने से चिड़चिड़ाहट बढ़ती है।