प्रेरक उदाहरण
!
*मुझसे गन्दगी देखी
नही जाती इसलिए
–
बिहार में एक
बुजुर्ग 51 साल से अपने
गांव की सफाई
कर रहे है;*
नवादा , बिहार के
नवादा के एक
गांव में दो
पत्नियां पति के गांव
भर में घूम-घूमकर साफ-सफाई
करने से तंग
आकर छोड़ कर
चली गईं। इसके
बावजूद 68 साल के किशोरी सिंह
के जज्बा में
कोई कमी नहीं
आई और आज
भी गांव की
हर गलियों और
नालियों की साफ सफाई
में जुटे हुए
हैं।किशोरी सिंह 51 सालों से
ऐसा कर रहे
हैं।
*वारिसलीगंज नगर पंचायत में
पढ़ने वाले सांबे
निवासी साधारण किसान
चांदो सिंह के
68 साल
के पुत्र किशोरी सिंह की
शादी के समय
आए रिश्तेदारों और
भोज आदि के
कारण घर के
आगे- भीतर गंदगी
फैल गई थी।
जिसे साफ करने
के लिए खुद
झाड़ू उठाई। जो
आगे चलकर एक
जुनून में तब्दील
हो गया।*
सुबह 4 बजे से
शाम तक लगे
रहते हैं किशोरी
सिंह गांव की
साफ-सफाई के
लिए सुबह चार
बजे उठ जाते
हैं। झाड़ू और
दूसरे हाथ में
तगाड़ी लेकर गांव
की गलियों की
सफाई करने में
जुट जाते हैं।
सफाई करते समय
कहीं कोई चाय
आदि दे दिया
तो पी लेते
हैं। गांव वाले
बताते हैं कि
प्रतिदिन लगभग तीन-चार
बजे शाम तक
बिना कुछ खाए-पीए गांव की
सफाई करते रहते
हैं। सफाई के
बाद घर पहुंच
कर नहा धोकर
खुद खाना बनाकर
खाते हैं। सप्ताह
में एक दिन
मंदिरों, स्कूल आदि की
सफाई करते हैं।
*सफाई करता देख
कई लोग पागल
कहते हैं किशोरी
सिंह बताते हैं
कि निरंतर सफाई
अभियान में लगे
रहे के कारण
गांव के अधिकांश लोग
पागल कहते हैं।
लेकिन गांव के
कुछ पढ़े लिखे
और सफाई के
प्रति जागरूक लोग
तारीफ करते हैं।
वे कहते हैं
कि पता नहीं
क्यों गंदगी देखकर
इनसे रहा नहीं
जाता है।*