आजकल समाज में परिवारों में अधिकतर असंतोष की भावनाएं लोगों में देखी जाती है।इस असंतोष के लिए कभी जातक अपने ग्रहो को दोष देते हैं और कई बार इसको वास्तुदोष भी मानते हैं।मगर इसका मूल कारण है कि हम लोग प्रकृति से प्राप्त होने वाले सुखी संपन्न रहने के नियमों से दूर हो गए हैं। हमारे मनीषियों ने सुखी, स्वस्थ् शांतिमय जीवनयापन के लिए कुछ नियम निर्देशित किए थे, जिनको अगर हम अपने दैनिक जीवन में सम्मिलित कर ले तो उससे हमारे जीवन में सुख शांति और संम्प्द्ता आ सकती है।अगर चाहिए घर में हमेशा सुख शांति और समृद्धि तो करिए यह उपाय
घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके ना रखें, उसे पैर भी ना लगाएं ना ही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में बरकत की कमी हो जाती है।झाड़ू हमेशा छुपा कर रखें।मुख्य द्वार के पास भी कूड़ा दान ना रखें, इससे पड़ोसी शत्रु हो जाएंगे।
छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर न धोए-हां, सुखा सकते हैं इससे ससुराल से संबंध खराब होने लगते हैं।
खूब फल खाओ स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं लेकिन उनके छिलके कूड़ेदान में ना डालें बल्कि बाहर फेंके जिससे मित्रों से लाभ होगा।
माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरूर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाए अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाए, तो मां लक्ष्मी की जल्दी कृपा होगी। माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरूर ले जाएं, उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाएं तो धन लाभ होगा।
रात्रि में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भर कर रखें,इससे कर्ज से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भर कर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नहीं आएगी।बृहस्पति के दिन घर में कोई भी पीली वस्तु अवश्य खाएं,हरी वस्तुएं ना खाएं तथा बुधवार के दिन हरी वस्तुएं खाएं लेकिन पीली वस्तु बिल्कुल ना खाएं इससे सुख समृद्धि बढ़ेगी।
रात्रि को झूठे बर्तन कदापि ना रखे।इनेह पानी से निकालकर रख सकते हैं, हानि से बचेंगे।
स्नान के बाद गीले व एक दिन पहले के प्रयोग में किए गए तो लिए का प्रयोग ना करें इससे संतान हठी व परिवार से अलग होने लगती है।अपनी बात मनवाने लगती है अतः रोज साफ सुथरा और सूखा तो लिया ही प्रयोग करें कभी भी यात्रा में पूरा परिवार एक साथ घर से ना निकले आगे पीछे जाएं यात्रा में ले जाने वाले सूट के सम्मान देती पर हल्दी के चीते मार दे इसे यात्रा सुखद एवं यश में वृद्धि होगी।घर में सुबह-सुबह कुछ देर के लिए भजन अवश्य लगाएं।
बिस्तर पर बैठकर कभी खाना ना खाएं। ऐसा करने से धन की हानि होती है।लक्ष्मी घर से निकल जाती है।घर में अशांति होती है।घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेरकर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए। इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
पूजा प्रात 6:00 से 8:00 के बीच भूमि पर आसन बिछाकर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर करें। पूजा का आसन कुशा का हो तो उत्तम होता है, अन्यथा गर्म, पीले, लाल, सफेद रंग भी प्रयोग में ला सकते हैं।इससे आधयातिमक वृद्धि एवं शांति प्राप्त होगी।
पहली रोटी गाय के लिए निकालें।इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरो को भी शांति मिलती है।