कैंसर से डरना क्या
कैंसर का नाम सुनते ही अब पीड़ित व्यक्ति जा उसके परिजनों को दहशत में आने की जरूरत नहीं है। सच तो यह है कि मेडिकल साइंस में कोई प्रगति के कारण अनेक प्रकार के कैंसर की रोकथाम की जा सकती है,वहीं इनका सफलतापूर्वक का इलाज भी संभव है।
शरीर के किसी भी भाग में कोशिकाओं की वृद्धि को कैंसर कहा जाता है।कैंसर के अनेक कारण है यह रोग शरीर के विभिन्न अंगों को अपनी चपेट में ले सकता है जो किसी अंग विशेष से अन्य भागों में भी जा सकता है।अगर शरीर में तेजी से बढ़ने वाली कोई गांठ है, तो वह कैंसर हो सकती है।वही जो गांठ तेजी से नहीं बढ़ती, उसमें कैंसर होने की आशंका कम होती है।मस्तिक में तेजी से बढ़ने वाली गाठे ट्यूमर कहलाती है।ध्यान दें हर गांठ कैंसरस नहीं होती।
कारण:कैंसर होने के अनेक कारण है।विभिन्न प्रकार के कैंसरो के कारण विभिन्न होते हैं।जेनेटिक कारणों से भी कैंसर होता है।इसके अलावा अस्वस्थकर जीवन- शेली और पर्यावरण संबंधी कार्य के लिए उत्तरदायी है। जो लोग ध्रुमपान करते हैं, उसमे अन्य सवास्थ व्यक्तियों की तुलना में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।तंबाकू उत्पादों को चबाने वाले लोगों में मुह का कैंसर होने का जोख़म बढ़ जाता है। इसी तरह जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं, उनमें लीवर या पाचन संस्थान से सबधित या अन्य प्रकार के कैंसर होने का जोखिम बढ जाता है।
लक्षण है अलग-अलग:विभिन्न प्रकार के कैंसर के लक्षण भी विभिन्न होते हैं।जैसे जो लोग भोजन नली के कैंसर से ग्रस्त हैं, उन्हें किसी भी वस्तु या तरल पदार्थ को निगलने में तकलीफ होती है।कहने का आशय यह है कि कैंसर ने जिस भाग को प्रभावित कर रखा है, उससे संबंधित कार्य प्रणाली बाधित होने लगती है।अगर कैंसर फेफडे का है, तो इससे फेफड़ो की कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित होती है।
जाचें :पैट सी.टी. स्कैन के जरिए कैंसर की पहचान की अवस्था का पता लगाया जा सकता है।यह सही है कि बायोप्सी जांच से भी कैंसर का पता चलता है, लेकिन पेट. सी.टी. जांच से शरीर के किसी भी अंग में कैंसर का सटीक का पता लगाया जा सकता है।