कैसे करें सूर्य देव को प्रसन्न
यश-कीर्ति,पद प्रतिष्ठा,पदोत्रति के लिए वैदिक युग से भगवान सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता है| हमारे ऋषियों ने उदय होते हुए सूर्य को ज्ञान रुप ईश्वर के रूप में स्वीकारते हुए सूर्यउपासना का निर्देश दिया है|प्रतिदिन सुबह सूर्य देवता की पूजा अर्चना करते समय जल अर्पित करने को हमारे धर्म ग्रंथों में महत्वपूर्ण बताया गया है|सूर्योदय के समय जो किरने हमारे तन पर पढ़ती हैं, वे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होती हैं|अतः हमारे पूर्वजों ने इन किरणों से मानव को स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सूर्य को देवता के रूप में प्रस्तुत किया है और नित्य स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्योदय के समय में जल अर्पण का प्रावधान किया है| इस प्रकार होने वाले लाभ को वैज्ञानिक रूप से भी उत्तम पाया गया है|सूर्य की कोई भी पूजा आराधना उगते हुए-सूर्य के समय में बहुत लाभदायक सिद्ध होती है|सृष्टि के महत्वपूर्ण आधार हैं सूर्य देवता सूर्य की किरणों को आत्मसात करने से शरीर और मन स्फूर्तिवान होता है नियमित सूर्य को अर्ध्य देने से हमारी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होती है|
यश-कीर्ति,पद प्रतिष्ठा,पदोत्रति के लिए वैदिक युग से भगवान सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता है| हमारे ऋषियों ने उदय होते हुए सूर्य को ज्ञान रुप ईश्वर के रूप में स्वीकारते हुए सूर्यउपासना का निर्देश दिया है|प्रतिदिन सुबह सूर्य देवता की पूजा अर्चना करते समय जल अर्पित करने को हमारे धर्म ग्रंथों में महत्वपूर्ण बताया गया है|सूर्योदय के समय जो किरने हमारे तन पर पढ़ती हैं, वे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होती हैं|अतः हमारे पूर्वजों ने इन किरणों से मानव को स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सूर्य को देवता के रूप में प्रस्तुत किया है और नित्य स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्योदय के समय में जल अर्पण का प्रावधान किया है|