उम्र के साथ आधुनिक जीवनशैली से जुडी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का आना स्वाभाविक होता है संतुलित खानपान, नियमित एक्सरसाइज और मेडिटेशन चेक उप द्वारा उम्र बढ़ने की वजह से होने वाले सेहत संबंधी नुक़सान को काफ़ी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है ऐसे ही अच्छी आदतों को अपनी दिनचर्या का ज़रूरी हिस्सा बनाएँ समय न मिलने का बहाना आपके लिए वाजिब नहीं है ज़िंदगी भर पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने के बाद आपको इसी उम्र में थोड़ी मोहलत मिली है ताकि आप अपनी सेहत का ध्यान रख सकें इसलिए डॉक्टर के पास जाने के लिए किसी बड़ी समस्या का इंतज़ार न करें बल्कि हर 6 महीने के अंतराल पर अपना हेल्थ चेकअप ज़रूर करवाए
पाचन तंत्र का रखें ख्याल
बढ़ती उम्र के साथ दाँत और जबड़े कमज़ोर हो जाते हैं और इसके साथ साथ शरीर में कमज़ोरी आने लगती है इसलिए लोग सही ढंग से भोजन को चबाकर नहीं खा पाते इससे उनके स्लाइवा में इलेक्ट्रोलाइट्स नहीं बन पाते, जो भोजन को पचाने में सहायक होते हैं इस उम्र में आंते धीमी गति से काम करती हैं फ़ूड पाइप और आतों के बीच एक वन वे वाल्व होता है बढ़ती उम्र के साथ ये ढीला पड़ जाता है और दोनों तरफ़ खुलने लगता है ऐसे में भोजन कुछ हिस्सा बार -बार आंतो से बाहर वापस आ जाता है इसी वजह से ज़्यादातर बुजुर्गों को क़ब्ज़, गैस और बदहजमी जैसी समस्याएं परेशान करती
क्या करें
अपने भोजन में ओटस दलिया, सूजी चोकर युक्त आटा, पपीता, सेब अमरूद, अनार और संतरा फ़ाइबर युक्त चीज़ों का प्रमुखता से शामिल करें
हड्डियों से जुड़ी समस्याएं:
जोड़ों के बीच लुब्रिकेंट्स ऑयल जैसा चिकना पदार्थ होता है जो उम्र बढ़ने के साथ साथ सूखने लगता है साथ ही हड्डियाँ घिस कर कमज़ोर पड़ जाती हैं इसी वजह से ज़्यादातर बुजुर्गों के हाथ पैरों के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है
क्या करें:
नियमित रूप से हल्की फुल्की एक्सरसाइज करे जोड़ों पर किसी से दर्द निवारक क्रीम या आयल से मालिश करें ज़्यादा दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह पर दर्द निवारक दवा का सेवन कर सकते हैं