सजगता से सुधरेगी सेहत
अच्छी सेहत के लिए पाचन तंत्र का दुरुस्त होना बहुत जरूरी है।भोजन को सही ढंग से पचाने में आंतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।इन्हें स्वस्थ बनाए रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल ही में की गई एक रिसर्च से यह तथ्य सामने आया है कि अस्पताल के ओपीडी में आने वाले मरीजों में लगभग 60% लोग पाचन संबंधी गड़बड़ियों से परेशान होते हैं।ऐसी सभी समस्याओं की सबसे प्रमुख बजह है, आंखों की सेहत और कार्यप्रणाली में गड़बड़ी।सजगता से सुधरेगी सेहत
क्या है कार्य-प्रणाली
भोजन को पचाने में आतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।ये फूड पाइप और आमाशय के साथ मिलकर काम करती हैं।छोटी आंत 20 और बड़ी आंत 10 फुट की होती है, जो देखने में किसी रस्सी के गुच्छे की तरह लगती है।ये दोनों आते भोजन पचाने का काम करती है।लीवर और पेक्रियाज आंतों की मदद करते हैं।लीवर के साथ जुड़े बाइलरी डक्स से बाइल का सिक्रिशन होता है और पेक्रियाज से पेक्रियाटिक जूस निकलता है, जो भोजन को पचाने में मददगार होता है। पाचन की प्रक्रिया को सरल ढंग से इस तरह समझा जा सकता है।जब भी हम कुछ खाते हैं तो वह फूड पाइप के जरिए सबसे पहले स्टमक में पहुंचता है।जैसे ही स्टमक में भोजन जाता है उसे पचाने के लिए वहां हाइड्रोक्लोरिक एसिड का सिक्रिशन शुरू हो जाता है, जो खाने में मौजूद प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिंस और मिनरल्स को अति सूक्ष्म कणों में परिवर्तित कर देता है।स्टमक के निचले हिस्से से जुड़ी छोटी सी नली को ड्यूडेनम डक्ट कहा जाता,जिसकी मदद से थोड़ा-थोड़ा करके यह अदपचा भोजन छोटी आंत में पहुंचता है।वह भी कई तरह की डाइजेस्टिव एंजाइमस की मदद से पाचन क्रिया का दूसरा लेवल शुरू हो जाता है, खाने में मौजूद अति सूक्ष्म कणों को छांट कर अलग करने की प्रक्रिया जहां भी चल रही होती है।इसके बाद बचा हुआ अवशेष बड़ी आंत में पहुंचता है, जहां मिनरल्स और विटामिन का अवशोषण होता है।उनके अवशेष में मौजूद तरल पदार्थ को किडनी में भेज दिया जाता है, जिससे वह यूरिन के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।फिर बड़ी आंत से जुड़े रेक्टम के यारिये पचे हुए भोजन का अवशोषण स्टूल के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।
स्वास्थ्य समस्याएं:खानपान की गलत आदतों और अनियमित दिनचर्या की वजह से आतें अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाती।इससे लोगों को पाचन संबंधी कई समस्याएं परेशान करती हैं, जो इस प्रकार हैं:
गैस्ट्रो इंटेसटाइंनल प्रॉब्लम: यह आतों से जुड़ी समस्या है, जो ओवर ईटिंग देर तक खाली पेट रहने से ज्यादा तेल मसाला और मैदे से बनी चीजों के सेवन से पैदा होती है।खानपान सबंधी अनियमिता की वजह से आंतो में तेजी से एसिड का सिक्रीशन होने लगता है।इससे सीने में जलन, नाजिया, वोमिटिग और पेट में दर्द जैसी समस्याएं होती है।