खून की कमी के कारण
एनीमिया होने पर सेहत पर प्रभाव एनीमिया की वजह से स्त्रियों में मिसकैरेज या प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है।गर्भावस्था में शिशु का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता, उस में ब्रेन और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है।अगर हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम हो जाए तो शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए फेफड़ों और दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है।ऐसी स्थिति में उपचार ना मिलने पर ह्दय गति धीमी पढ़ने या बंद होने का खतरा बढ़ जाता है।हिमोग्लोबिन कम होने पर ब्रेन की कोशिकाओं को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, इससे व्यक्ति अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता और उसकी स्मरण शक्ति भी कमजोर होने लगती है स्कूली बच्चों में एकाग्रता की कमी के लिए एनीमिया को ही जिम्मेदार माना जाता है।अंदाजा हो गया होगा कि शरीर में खून की कमी सेहत के लिए कितनी नुक्सानदेह होती है।इसलिए अपने परिवार में खान पान की स्वस्थ आदत विकसित करें।
अनीमिया होने के प्रमुख लक्षण: अनावश्यक थकान, सिर दर्द और चक्कर आना।गंभीर स्थिति में बेहोशी का दौरा पड़ना।एकाग्रता में कमी।तवचा और नाखूनों की रंगत में सफेदी।दिल की धड़कन का असामान्य होना।आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स।सांस लेने में तकलीफ।भोजन के प्रति अरुचि।हाथ पैरों का ठंडा पड़ जाना।
अगर आप अनीमिया से बचना चाहते हैं तो इन्हें जरूर अपनाएं : मौसम के अनुसार ताजा फलों का जूस और हरी सब्जियों का सूप भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए भोजन में प्रोटीन कैल्शियम और विटामिन सी को भी प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।हरी पत्तेदार सब्जियों के इलावा से अनार चुकंदर खजूर मूंगफली गुड़ और सूखे मेवों को प्रमुखता में शामिल करें।शरीर में फोलिक एसिड की मात्रा बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में कुट्टू का आटा ओटमील गोबी मशरूम ब्रोकली शहद और एक्सप्रेस को शामिल करें जहां तक संभव हो सब्जियों को लोहे की कढ़ाई में पकाएं इससे भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है।इसके लिए हर तरह की दालें अंकुरित अनाज संतरा और अंगूर खट्टे फलों को प्रमुखता से शामिल करें इससे शरीर में आयरन के अवशोषण की क्षमता बढ़ जाती है। अगर नॉन वेजिटेरियन है तो रेड मीट और अंडे का सेवन भी काफी फायदेमंद साबित होगा।