कभी भी बंद हो सकती है भगत पूरन सिंह योजना !
अमृतसर: सरकारी गुरु नानक देव अस्पताल में भक्त पूरन सिंह योजना किसी भी समय बंद हो सकती है।पंजाब सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का प्रीमियम यूनाइटेड Insurance कंपनी को अदा न किए जाने से कंपनी द्वारा अस्पताल प्रशासन को 70 लाख रुपए की राशि जारी नहीं की जा रही है। जिस कारण अब कई प्राइवेट मेडिकल स्टोरों ने उधार दवा देने में आनाकानी करनी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के समय भक्त पूरण सिंह योजना पंजाब के सरकारी अस्पतालों में शुरू की गई थी,जिसके अंतर्गत मध्यम वर्ग के परिवार का कार्ड बनाकर सभी परिवारिक सदस्यों का 1 वर्ष तक 50000 तक का मुफ्त इलाज किए जाने का प्रावधान था। गुरु नानक देव अस्पताल में मई 2016 से योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाने लगा। अस्पताल में आने वाले मरीजों का योजना के अंतर्गत बना कार्ड देख कर सरकार द्वारा निर्धारित यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी को बिल दे कर पैसे ले लिए जाते। पत्र व्यवहार के बावजुद जारी नहीं हुई राशि अस्पताल : प्रशासन की ओर से मरीजों का इलाज करने के उपरांत 70 लाख रुपये की बकाया राशि यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी से लेने के लिए संबंधित कंपनी और उच्च अधिकारियों को कई बार पत्र व्यवहार भी किया गया है परंतु आज तक ना तो कंपनी ने तथा ना ही उच्च अधिकारियों ने पैसा दिलवाने संबंधी गंभीरता दिखाई है। मेडिकल शिक्षा और खोज विभाग तथा पंजाब सरकार की लापरवाही के कारण अब योजना जारी रखना अस्पताल प्रशासन के लिए कठिन हो रहा है।
भगत पूरन सिंह योजना जरूरतमंद मरीजों के लिए अब तक वरदान साबित हुई है। जिन लोगों के पास पैसे नहीं भी होते वे भी योजना के कार्ड के अंतर्गत अपना इलाज करवा रहे हैं। यदि योजना गुरु नानक देव अस्पताल में बंद हो जाती है तो जरूरतमंदों के लिए जो उम्मीद की किरण है, वे भी बंद हो जाएगी। पंजाब सरकार मामले को गंभीरता से ले वे तुरंत प्रीमियम जारी कर कंपनी के अस्पताल प्रशासन की राशि दिलानी चाहिए ताकि कोई जरूरत मंद पैसों की कमी के चलते इलाज के अभाव में मर ना जाए।