आयुर्वेद कहता है : मिठाई अवश्य खाइये

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आयुर्वेद कहता है : मिठाई अवश्य खाइये

आयुर्वेद कहता है : मिठाई अवश्य खाइये

क्यों?
[1]
भोजन में 6 रस होते हैं। इनमें मधुर रस अर्थात् मीठा, रसों का राजा है। राजा के बिना भोजन दरिद्र है।
[2]
भोजन का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण है मानसिक तृप्ति। मधुर रस तृप्ति देता है। अतृप्त व्यक्ति ही रोगी, कंजूस, झगड़ालू, भ्रष्टाचारी, अपराधी …. होते हैं।
[3]
80% रोग वात-पित्त की विकृति से होते हैं। मधुर रस वात-पित्त को संतुलित कर 80% रोगों से बचाता है।
[4]
मीठा टेंशन को झेलने में मदद करता है। मीठा खाने से नहीं, मीठा न खाने से डायबिटीज हो सकती है। डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है – टेंशन। सबसे अधिक डायबिटीज केरल के लोगों को है जो बहुत ही कम मिठाई खाते हैं।
[5]
70% लोगों का मोटापा वात के कारण होता है। ऐसे लोगों का मिठाई खाने से तेजी से मोटापा कम होता है।
सावधानी : मिठाई पर गरमागरम देशी गाय का दूध या पानी अवश्य पीयें। गरम पानी में ठंडा पानी न मिलायें।
[6]
मधुर रस Anti ageing है, बुढ़ापे का शरीर व दिमाग पर असर नहीं होने देता।
[7]
आध्यात्मिक जीवन जीने के इच्छुकों के लिए मधुर रस विशेष लाभदायक है।

सावधान! सावधान!! सावधान!!!

  1. शुगर मिल की शक्कर न खायें।
    क्यों?
    क्योंकि इसमें कई हानिकारक केमिकल होते हैं। शुगर मिल की शक्कर मीठी लगने पर भी इसका रस मधुर नहीं है। इससे डायबिटीज हो सकती है, केमिकल फ्री शक्कर से नहीं होती।
    सावधान : डायबिटीज होने के बाद मीठा खाते समय सावधानी रखना चाहिए।
  2. देशी गाय के दूध के अलावा किसी भी दूध की मिठाई न खायें।
    क्यों?
    देशी गाय के दूध के अलावा किसी भी दूध को अधिक देर तक गर्म करने पर उसके तत्त्व (nutrients) नष्ट हो जाते हैं। देशी गाय के दूध का मावा बनने पर भी सभी तत्त्व ज्यों के त्यों रहते हैं।
  3. देशी गाय के बिलौने के घी के अलावा किसी भी घी की मिठाई न खायें।
    क्यों?
    क्योंकि आयुर्वेद देशी गाय के बिलौने के घी को रोगनाशक और बाकी सभी घी को रोगकारक मानता है।
  4. दिवाली पर सूखे मेवे dry fruits या इनसे बनी मिठाई न खायें।
    क्यों?
    दिवाली शरद ऋतु में आती है। इस समय दिनभर तेज गरमी रहती है। इस ऋतु में पित्त बढ़ता है। सूखे मेवे पित्त (गरमी) को और अधिक बढ़ाते हैं।
  5. दिवाली पर देशी गाय के दूध-घी की ही मिठाई खाना चाहिए।
    क्यों?
    देशी गाय का दूध-घी पित्त शामक है।
  6. जर्सी जानवर के प्रोडक्ट्स (दूध, पनीर, चीज़, बटर, बटर ऑइल …) नहीं खाना चाहिए।
    क्यों?
    इनके कारण बहुत से रोग फैले हैं। जिनमें से 3 मुख्य है – डायबिटीज, अर्थराइटिस, कैंसर।
  7. डेरी का घी न खरीदें।
    क्यों?
    सभी डेरी हृदय के लिए घातक बटर ऑइल को ही घी के नाम से बेचती हैं। आयुर्वेद के अनुसार केवल देशी गाय के बिलौने का घी हृद्य (हृदय के लिए अत्यंत लाभदायक) है।
  8. चांदी के वर्क की मिठाई न खायें।
    क्यों?
    क्योंकि बाजार में चांदी के वर्क के नाम पर 90% एल्युमिनियम का वर्क बिकता है, जो जहर है। शुद्ध चांदी का वर्क गाय की आँत में कूटकर बनाई जाती है। यह आँत कत्लखानों में काटी गई गाय की होती है।

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