एंटीबायोटिक्स दवाइयों के हो सकते है यह नुकसान

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एंटीबायोटिक दवाइयों के हो सकते है यह नुकसान
एंटीबायोटिक दवाइयों के हो सकते है यह नुकसान

एंटीबायोटिक्स दवाइयों के नुकसान

सेहत सुधर नहीं बिगड़ सकती है इनसे: यदि आप जुकाम अथवा हल्के से इंफेक्शन के लिए ऐसी एंटीबायोटिक्स लेते हैं तो असर नहीं करती हैं तो आपके शरीर में प्रतिरोधी बैक्टीरिया पनप सकते हैं।इसका अर्थ है कि अगली बार जब वास्तव में आपको उन एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ेगी तो वे काम नहीं करेंगी।यह बात समझना जरूरी है कि एंटीबायोटिक्स तभी काम करती हैं जब इन्फेक्शन गंभीर हो और कई बार तो इनके सेवन की जरूरत ही नहीं होती है।

अपने डॉक्टर की माने

यदि आप अपनी सेहत को लेकर चिंतित है तो अपने डॉक्टर से बात करें और उसकी सलाह माने।डॉक्टर पर भरोसा जरूरी है।जागरूक डॉक्टर आवश्यकता से अधिक एंटीबायोटिक्स की सलाह नहीं देते हैं।

यह भी याद रखें कि यदि वायरल इंफेक्शन है तो उसमें वैसे भी एंटीबायोटिक्स काम नहीं करती हैं बल्कि इनकी वजह से आंत में मौजूद हितेषी बेक्टीरिया जरूर मारे जाते हैं।

एंटीबायोटिक्स क्या ठीक कर सकते हैं और क्यों नहीं?

ठीक करते हैं: बेक्टीरियल  इन्फेक्शन जैसे निमोनिया, कुछ प्रकार के एसटीआईज,गंभीर मुंहासे,इम्पेटिगो (एक प्रकार का संकरण त्वचा रोग), गुर्दे में सक्रमण।

ठीक नहीं करते हैं: वायरल इन्फेक्शन जैसे कान के अधिकतर दर्द, खराब गला, खांसी, नाक बहना, फ्लू।

डॉक्टर जानते हैं कि आपको बैक्टीरियल इन्फेक्शन हुआ है या वायरल। बैक्टीरियल इन्फेक्शन में एंटीबायोटिक अच्छे से काम करते हैं परंतु बदलते मौसम की वजह से होने वाली समस्याएं जैसे खराब गला, खांसी, नाक बहना या सर्दी लगने पर वे जरा भी काम नहीं करते हैं।

एंटीबायोटिक्स लेने का सही तरीका: उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुरूप ही ले। हमेशा दवाई का कोर्स पूरा करें, चाहे आप अच्छा ही महसूस क्यों ना कर रहे हो।यदि एक वक्त की दवा लेना भूल जाए तो याद आते ही उसी समय ले ले परंतु यदि देर से याद आए और दूसरे वक्त की दवा लेने का वक्त होने वाला हो तो छूट गई दवा को रहने दे तथा आगे तय वक्त पर दवा लेते रहे।

एंटीबायोटिक्स के बगैर स्वस्थ कैसे रहें?

हितेषी बैक्टीरिया का ध्यान रखें: हमारे शरीर का सबसे बड़ा प्रतिरक्षा तंत्र हमारी आंत के बैक्टीरिया हैं जिनका वजन 1 किलो तक हो सकता है। बैक्टीरिया हमारी त्वचा हमारे नाक के भीतर तथा गले में भी होते हैं।इन बैक्टीरिया का शरीर में संतुलित होना जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं और खाना पचाने में मदद करते हैं।वे  विटामिंस तथा लाभकारी रसायन छोड़ते हैं।

जब हम एंटीबायोटिक्स लेते हैं तो वे केवल हानिकारक बैक्टीरिया को ही खत्म नहीं करते हैं अच्छे बैक्टीरिया भी उनकी वजह से मारे जाते हैं इसलिए जरूरी है कि हम शरीर में मौजूद हितेषी बैक्टीरिया का ध्यान रखें।इसके लिए रेशायुक्त चीजें तथा हरी सब्जियों का सेवन अधिक तक करना चाहिए।

प्रतिरक्षा तंत्र को विकसित करे

सबसे अच्छी बात तो यह है कि जितना हो सके बीमार पड़ने से बचा जाए ताकि आपको एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत ही ना पड़े।शराब से परहेज करें, भोजन में सुधार व  व्यायाम करें और पूरी नींद लें।रात में कम से कम 8 घंटे  सोने का प्रयास करें।

यदि वायरल इन्फेक्शन हुआ है तो पानी पीते रहें और दो-तीन दिन शरीर को आराम दें।

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